भारतीय क्रिकेट में क्या है रणजी ट्रॉफी का महत्व? जानें इसका इतिहास
देश की सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी के नए सीज़न की आज शुरुआत हो गई है। रणजी ट्रॉफी 2019-20 के सीज़न में कुल 38 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इस सीज़न का फाइनल मुकाबला 9-13 मार्च के बीच खेला जाएगा। पिछले सीज़न रणजी ट्रॉफी का खिताब विदर्भ ने जीता था। आज हम आपको भारतीय क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी के महत्व और इसके इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानें।
रणजी ट्रॉफी 2019-20 में वर्तमान भारतीय टीम के ये खिलाड़ी भी लेंगे हिस्सा
दुनिया की सबसे बड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट की प्रतियोगिता यानी रणजी ट्रॉफी को भारतीय क्रिकेट टीम में प्रवेश का टिकट भी कहा जाता है। भारतीय टीम के चयनकर्ताओं की नज़रें इस ट्रॉफी पर रहती हैं और बेहतरीन प्रतिभा को यहां से सीधा राष्ट्रीय टीम में लिया जाता है। रणजी ट्रॉफी 2019-20 में मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम के मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, आर अश्विन, अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारी भी हिस्सा ले रहे हैं।
रणजी ट्रॉफी का इतिहास
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रणजी ट्रॉफी की शुरुआत 1934 में हुई थी। इस ट्रॉफी का पहला मैच 4 नवंबर, 1934 का मद्रास (अब चेन्नई) और मैसूर (अब कर्नाटक) के बीच खेला गया था। रणजी ट्रॉफी का नाम भारत के पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर रणजीत सिंह जी के नाम पर रखा गया था। रणजीत सिंह जी को प्यार से रणजी कहा जाता था। इस ट्रॉफी के पहले सीज़न का खिताब बॉम्बे (अब मुंबई) ने जीता था।
कौन थे रणजीत सिंह जी
10 सितंबर, 1872 को जन्में रणजीत सिंह को भारत के पहले क्रिकेटर के नाम से जाना जाता है। हालांकि, रणजीत ने भारत के लिए क्रिकेट नहीं खेला, बल्कि वह इंग्लैंड और ससेक्स के लिए खेलते थे। रणजीत के नाम 15 टेस्ट में 989 रन हैं।
भारतीय क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी का महत्व
भारतीय क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी का महत्व वैसा ही है, जैसा किसी कॉलेज स्टूडेंट के जीवन में स्कूल का होता है। जिस तरह बिना स्कूल पास किए कोई कॉलेज नहीं जा सकता, ठीक उसी तरह भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलना होता है। हालांकि, भारतीय क्रिकेट टीम में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहें हैं, जिन्होंने बिना रणजी ट्रॉफी खेले ही राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। लेकिन इन खिलाड़ियों की संख्या काफी कम है।
इन खिलाड़ियों ने बिना रणजी खेले भारतीय क्रिकेट टीम मेें बनाई जगह
रणजी की शुरुआत 1934 में हुई थी, लेकिन भारत ने पहला टेस्ट 1932 में खेल लिया था। इसका मतलब है कि उस दौर के खिलाड़ियों ने बिना रणजी खेले भारत का प्रतिनिधित्व किया था। रणजी के आगाज़ के बाद की बात करें, तो पार्थिव पटेल और जयदेव उनादकट ने बिना रणजी खेले भारत का प्रतिनिधित्व किया है। पार्थिव को अंडर-19 विश्व कप और उनादकट को IPL और इंडिया-ए में अच्छे प्रदर्शन के बाद भारत के लिए खेलने का मौका मिला।
रणजी ट्रॉफी के रिकॉर्ड
सबसे ज्यादा रन- वसीम जाफर (11,775) सबसे ज्यादा शतक- वसीम जाफर (40) सबसे ज्यादा विकेट- राजेंद्र गोयल (637) एक पारी में सबसे ज्यादा रन- बीबी निंबालकर (443*) सबसे ज्यादा औसत से रन- विजय मर्चेंट (98.35) एक सीज़न में सबसे ज्यादा रन- वीवीएस लक्ष्मण (1,415) एक पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी- पी चटर्जी (10/20) सर्वोच्च टीम टोटल- हैदराबाद (944/6 पारी घोषित) न्यूनतम टीम टोटल- हैदराबाद (21)
सबसे ज्यादा बार रणजी ट्रॉफी जीतने का रिकॉर्ड
सबसे ज्यादा बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने का रिकॉर्ड मुंबई के नाम है। मुंबई अब तक 41 बार इस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर चुकी है। 1958-59 से 1972-73 के बीच मुंबई ने लगातार 15 खिताब जीते थे।
इस सीज़न में इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर रहेंगी चयनकर्ताओं की नज़रें
2019-20 रणजी ट्रॉफी से कई युवा खिलाड़ियों को सीधे भारतीय टीम में लिया जा सकता है। इस सीज़न के कई खिलाड़ियों पर भारतीय टीम के चयनक्रताओं की नज़रें रहने वाली हैं। आंध्रा के विकेटकीपर बल्लेबाज़ केएस भरत इस सीज़न में अच्छा प्रदर्शन कर भारतीय टीम में जगह बना सकते हैं। साथ ही अभिमन्यु ईशवरन, देवदत पड्डिकल, प्रियांक पंचाल और शुभमन गिल पर भी सेलेक्टर्स की नज़रें रहने वाली हैं।
रणजी ट्रॉफी के पिछले सीज़न की विनर टीम को मिले थे पांच करोड़ रुपये
रणजी ट्रॉफी के पिछले सीज़न की विनर विदर्भ को पांच करोड़ रुपये मिले थे। विदर्भ को दो करोड़ रुपये BCCI ने और तीन करोड़ रुपये विदर्भ क्रिकेट एसोसियेशन ने दिए थे।