जानिए क्या है टी-20 क्रिकेट में बाउंसर की अहमियत, ऐसे पलट सकता है मैच
तेज गेंदबाजों के लिए बाउंसर एक काफी प्रचलित, लेकिन बेहद असरदार गेंद होती है। एक बेहतरीन बाउंसर किसी मैच के परिणाम को बदलने की क्षमता रखती है। हालांकि, टी-20 क्रिकेट में गेंदबाज अपनी वैरिएशन पर ज़्यादा ध्यान देते हैं और यही कारण कि इस फॉर्मेट में बाउंसर का प्रभाव उतना देखने को नहीं मिलता है। आइए एक नजर डालते हैं टी-20 क्रिकेट में बाउंसर के प्रभाव पर।
किसी मैच का टर्निंग प्वाइंट हो सकता है बाउंसर
टी-20 क्रिकेट में कटर और स्लोवर गेंदों के इस्तेमाल ने बाउंसर के प्रभाव को कम करने का काम किया है। आपको याद होगा कि 2013 चैंपियन्स ट्रॉफी फाइनल में इशांत शर्मा ने सटीक बाउंसर से रवि बोपारा को पूरी तरह चकमा दे दिया था। उसी एक विकेट ने मैच का रुख भारत के पक्ष में पलट दिया था। करीबी टी-20 मुकाबले में एक बेहतरीन बाउंसर के साथ किसी भी बल्लेबाज को परेशान किया जा सकता है।
बल्लेबाज को डराने के लिए भी किया जाता है बाउंसर का उपयोग
विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बैकफुट बल्लेबाजों के लिए भी बाउंसर खेलना हमेशा कड़ी चुनौती होती है। इसके अलावा तेज गेंदबाज हमेशा बल्लेबाजों के मन में डर पैदा करने के लिए भी बाउंसर का इस्तेमाल करते हैं। एक और शॉर्ट गेंद खेलने के डर के कारण बल्लेबाज अक्सर गलत शॉट खेल बैठते हैं। भले ही सटीक बाउंसर से विकेट मिलना तय नहीं होता है, लेकिन आने वाली गेंदों पर विकेट मिलने का रास्ता खुल सकता है।
बाउंसर के साथ बल्लेबाज को किया जा सकता है सरप्राइज
छोटे फॉर्मेट में बाउंसर हमेशा सरप्राइज के तौर पर आती है। मैच के रोमांचक मोड़ पर बल्लेबाजों को वाइड यॉर्कर या फिर स्लोवर गेंद की उम्मीद होती है। ऐसी गेंदों से निपटने के लिए बल्लेबाज पहले से ही अंदाजा लगाकर गेंद की लाइन को कवर करने की कोशिश करते हैं। एक तेज बाउंसर ऐसी परिस्थिति में उनका लय बिगाड़ने का काम कर सकती है।
टी-20 विश्वकप में अहम हथियार हो सकती है बाउंसर
ऑस्ट्रेलिया में होने वाली टी-20 विश्वकप में बाउंसर एक अहम हथियार हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया की बेहतरीन पिच निश्चित तौर पर गेंदबाजों को मदद देंगी। 2015 विश्वकप के दौरान शेन वॉटसन को फेंकी गई वहाब रियाज़ की स्पेल क्रिकेट फैंस को आज भी याद है। मिचेल स्टार्क, जसप्रीत बुमराह, ट्रेंट बोल्ट, पैट कमिंस और कगीसो रबाडा जैसे गेंदबाज बाउंसर के साथ किसी भी बल्लेबाज को परेशान कर सकते हैं।
टी-20 क्रिकेट में मिलनी चाहिए दो बाउंसर की छूट
टी-20 क्रिकेट में तेज गेंदबाजों का दबदबा एकदम से नहीं रहा है और इस फॉर्मेट को ज़्यादातर तेज गेंदबाजों की कब्रगाह के रूप में देखते हैं। भले ही तेज गेंदबाजों के पास अब कई तरह की विविधता है, लेकिन बाउंसर की कमी साफ तौर पर महसूस की जाती है। वर्तमान समय में टी-20 में एक ओवर में केवल एक ही बाउंसर फेंका जा सकता है, लेकिन ICC को एक और बाउंसर फेंकने की अनुमति दे देनी चाहिए।