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वनडे विश्व कप 2023: भारतीय क्रिकेट टीम के कौनसे पक्ष रहे मजबूत और कहां पड़े कमजोर? 
भारत ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान शानदार खेल का प्रदर्शन किया (तस्वीर: एक्स/@BCCI)

वनडे विश्व कप 2023: भारतीय क्रिकेट टीम के कौनसे पक्ष रहे मजबूत और कहां पड़े कमजोर? 

Nov 19, 2023
10:20 pm

क्या है खबर?

वनडे विश्व कप 2023 के फाइनल मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत ने पहले खेलते हुए 240 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया (241/4) ने 43 ओवर में ही आसानी से मैच जीत लिया। फाइनल में हारने के बावजूद भारत ने ओवरऑल पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया।

रिपोर्ट

टीम की जरूरत के अनुसार रोहित ने अपनी शैली में किया परिवर्तन 

भारत के कप्तान रोहित शर्मा (11 मैच, 597 रन) ने इस मेगा टूर्नामेंट में टीम की सफलता के लिए अपनी शैली तक में परिवर्तन किया। आमतौर पर वह पारी की शुरुआत में धीमे खेलते थे और विकेट पर जमने के बाद तेजी से रन बनाने थे। इस विश्व कप में उन्होंने पहली गेंद से ही गेंदबाजों पर प्रहार करना शुरू कर दिया था। इसका फायदा ये हुआ कि निचले क्रम के बल्लेबाज बिना किसी डर के खुलकर खेल पाए।

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विराट कोहली ने अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप किया प्रदर्शन 

स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने टूर्नामेंट में अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन किया, जिसका टीम को भी भरपूर लाभ मिला। कोहली ने अहम मौकों पर टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी की। चाहे विकेट पर टिकना हो या साझेदारी बना, ये सभी काम उन्होंने बखूबी अंजाम दिए। विशेष रूप से कोहली ने एक विश्व कप संस्करण में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। उन्होंने 11 मैचों में 95.52 की औसत से 765 रन बनाए।

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अपनी कमियों को पीछे छोड़ श्रेयस अय्यर ने की दमदार वापसी 

श्रेयस अय्यर कुछ समय पहले तक अपनी फॉर्म और फिटनेस संबंधी समस्याओं से जूझ रह थे। नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में मेडिकल टीम और वीवीएस लक्ष्मण के मार्गदर्शन में उन्होंने अपनी कमियों को दूर किया। टूर्नामेंट में उन्होंने यादगार प्रदर्शन करते हुए भारत की ओर से चौथे नंबर या उससे निचले क्रम पर खेलते हुए सबसे अधिक रन (11 मैच, 530 रन) बना डाले। अपनी आक्रामक शैली से इस बल्लेबाज ने अंतिम ओवर्म में टीम के लिए जमकर रन बटोरे।

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पुराने रंग में लौटे केएल राहुल 

केएल राहुल की काबिलियत किसी से छुपी हुई नहीं है। वह योग्य और प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। फॉर्म और फिटनेस की कमी को दूर करते हुए उन्होंने एशिया कप से ही जलवा बिखेरना शुरू कर दिया था। टूर्नामेंट में उन्होंने न केवल बल्ले (443) से बल्कि विकेट के पीछे भी फुर्ती से जिम्मेदारी निभाते हुए टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। अंतिम ओवर्स में तूफानी बल्लेबाजी से लेकर DRS के लिए रोहित को सलाह देने के महत्वपूर्ण काम उन्होंने किए।

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किस्मत ने खोला दरवाजा और मोहम्मद शमी ने किया अभूतपूर्व प्रदर्शन 

मोहम्मद शमी (7 मैच, 24 विकेट) ने टूर्नामेंट में यादगार प्रदर्शन करते हुए अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया है। उनकी सफलता में प्रदर्शन के अलावा किस्मत का भी बड़ा योगदान रहा। एक समय ऐसा था जब टीम में उनकी जगह नहीं बन रही थी। हार्दिक पांड्या के चोटिल होने के चलते उन्हें मौका और उसे उन्होंने दोनों हाथों से लपक लिया। वनडे विश्व कप में सर्वाधिक विकेट लेने वाला भारतीय बनना सोने पर सुहागा रहा।

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जसप्रीत बुमराह के आगे कांपते दिखे बल्लेबाज 

तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (20 विकेट) ने उस भूमिका का पूरी तरह से निर्वहन किया जिसके लिए वह जाने जाते हैं। पावरप्ले में उनके द्वारा विकेट निकालने से न केवल विरोधी टीम दबाव में आई बल्कि उनके साथी गेंदबाज भी हावी होने में कामयाब रहे। एक छोर से बुमराह ने दबाव बनाया तो दूसरे छोर से शमी और मोहम्मद सिराज ने विकेट निकाले। कप्तान ने जब-जब बुमराह को गेंद थमाई उन्होंने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए टीम को सफलता दिलाई।

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कुलदीप यादव की फिरकी में फंसे बल्लेबाज 

अनुभवी रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल पर तरजीह देते हुए एकादश में शामिल किए गए कुलदीप यादव (15) ने शानदार प्रदर्शन कर अपनी योग्यता साबित की। उन्होंने दिग्गज बल्लेबाजों को अपनी फिरकी के जाल में फंसाकर न केवल महत्वपूर्ण विकेट निकाले बल्कि बीच के ओवर्स में रन गति पर भी लगाम लगाई। पूरे टूर्नामेंट के दौरान बहुत कम ऐसे मौके देखने को मिले जब कुलदीप को मार पड़ी। कमबैक की उनकी इस क्षमता ने उन्हें सफलता दिलाई।

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सूर्यकुमार यादव नहीं उठा पाए मौके का फायदा 

दिग्गजों से सजी भारतीय टीम में सूर्यकुमार यादव का एकादश में खेलना ही बड़ी बात थी। दुर्भाग्य से वह इस मौके का फायदा उठाने में कामयाब नहीं हो सके। कुल 7 पारियों में उन्हें बल्लेबाजी का मौका मिला, लेकिन 1 पारी (49 बनाम इंग्लैंड क्रिकेट टीम) को छोड़कर उन्होंने निराश ही किया। वह 7 पारियों में 17.60 की साधारण औसत के साथ केवल 88 रन ही बना में कामयाब हो पाए।