भारतीय क्रिकेट टीम के तीन बड़े कप्तान, जिन्होंने टीम को अर्श तक पहुँचाया
आज भारतीय क्रिकेट दुनिया में किसी पहचान का मोहताज नहीं है। जिस भारतीय टीम को सालों पहले एक औसत दर्जे की टीम माना जाता था, आज वही भारतीय टीम हर जगह अपनी सफलता के झंडे गाड़ रही है। क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में आज भारतीय टीम छाई हुई है। आज भारतीय क्रिकेट जिस मुकाम पर है उसका पूरा श्रेय उन तीन महान खिलाड़ियों को जाता है, जिन्होंने अपनी कप्तानी से भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा दोनों बदल दी।
कपिल देव
विश्व के महान ऑलराउन्डरों में से एक कपिल देव एक महान कप्तान भी थे। कपिल देव की कप्तानी में ही भारत ने 1983 में पहला विश्व कप जीता था। कपिल विश्व के इकलौते ऐसे ऑलराउन्डर हैं जिनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 5000 से ज़्यादा रन और 400 से ज़्यादा विकेट हैं। कपिल ने हमेशा युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। सीनियर्स खिलाड़ी के बीच अज़हरूद्दीन को कप्तान बनाने के फैसले का सिर्फ कपिल ने ही समर्थन किया था।
सौरव गांगुली
साल 2000 में सौरव गांगुली को ऐसे समय भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया, जब भारतीय टीम मैच फिक्सिंग के आरोपों से घिरी हुई थी। टीम को उन हालातों से बाहर निकाल कर एक विजयी टीम बनाना आसान नहीं था। लेकिन गांगुली के कप्तान बनते ही मानो पूरी टीम ही बदल गई। गांगुली मज़बूत टीम बनाने में विश्वास रखते थे, गांगुली ने ही भारत को ज़हीर खान, हरभजन सिंह, युवराज सिंह, और वीरेंद्र सहवाग जैसे महान खिलाड़ी दिए।
महेंद्र सिंह धोनी
एम एस धोनी भारतीय क्रिकेट का वो बड़ा नाम जो अब भी सीमित ओवर की क्रिकेट में अपना योगदान दे रहा है। भले ही धोनी इस समय अपनी फॉर्म से जूझ रहे हैं, लेकिन भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को इतिहास में याद किया जाएगा। धोनी ने भारतीय टीम को 2007 टी- 20 वर्ल्डकप, 2011 वनडे वर्ल्डकप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जिताया है। धोनी आईसीसी के सभी इवेंट्स जीतने वाले विश्व के इकलौते कप्तान हैं ।