
डे-नाइट टेस्ट को लेकर 'दादा' के मुरीद हुए पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर, कही ये बड़ी बात
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली जब से BCCI के अध्यक्ष बने हैं, तब से ही वह भारतीय क्रिकेट के लिए बड़े-बड़े फैसले ले रहे हैं।
गांगुली की वजह से ही आज भारतीय टीम अपना पहला डे-नाइट टेस्ट खेल रही है। गांगुली ने भारत के इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है।
इस बीच पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने डे-नाइट टेस्ट के लिए सौरव गांगुली की जमकर तारीफ की।
श्रेय
डे-नाइट टेस्ट के आयोजन का गांगुली को दिया श्रेय
सौरव गांगुली की तारीफ करते हुए दिलीप वेंगसरकर ने कहा कि भारत में पहला डे-नाइट टेस्ट मैच आयोजित करने का श्रेय गांगुली को जाता है।
उन्होंने कहा, "किसी भी प्रशासक का बैकग्राउंड अगर क्रिकेट का है तो यह उसे सही फैसले लेने में मदद करेगा। गांगुली शानदार क्रिकेटर रहे हैं, इसलिए एक प्रशासक के तौर पर सही फैसले ले रहे हैं। भारत में पहला डे-नाइट टेस्ट उनके नेतृत्व में हो रहा है, तो यह उनकी उपलब्धियों में नया इज़ाफा है।"
ईडन गार्डन
पहला डे-नाइट टेस्ट भारत के सबसे अच्छे मैदान पर हो रहा है- वेंगसरकर
डे-नाइट टेस्ट के भविष्य के बारे में वेंगसरकर ने कहा, "अभी हमें इंतजार करना होगा। पहला डे-नाइट टेस्ट भारत के सबसे अच्छे मैदान पर हो रहा है। मैंने वहां अपना पहला शतक बनाया था। एक कप्तान के तौर पर भी मैंने वहां वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक बनाया था।"
उन्होंने आगे कहा, "ईडन गार्डन मेरे पसंदीदा स्टेडियमों में से एक है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह सफल रहेगा। मुझे यकीन है कि यह काफी दर्शकों को स्टेडियम में लेकर आएगा।"
इनकार
डे-नाइट टेस्ट खेलने के लिए भारत पहले कर चुका था इनकार
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले भारत ने डे-नाइट टेस्ट खेलने के लिए मना कर दिया था। कोहली भी डे-नाइट टेस्ट खेलने के खिलाफ थे।
गांगुली के BCCI का अध्यक्ष बनने के बाद ही भारत ने डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने की तरफ कदम बढ़ाएं। गांगुली ने ही बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को कोलकाता में डे-नाइट टेस्ट खेलने के लिए राज़ी किया।
गांगुली के इन प्रयासों के बाद ही भारत और बांग्लादेश के बीच डे-नाइट टेस्ट खेला जा रहा है।
करियर
अपने दौर के दिग्गज बल्लेबाज़ थे दिलीप वेंगसरकर
1976 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले दिलीप वेंगसरकर ने टेस्ट क्रिकेट के 116 मैचों में 42.13 की औसत से 6,868 रन बनाए हैं, जिसमें 17 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं।
साथ ही वनडे क्रिकेट के 129 मैचों में वेंगसरकर के नाम 34.73 की औसत से 3,508 रन भी हैं।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 260 मैचों में वेंगसरकर ने 52.86 की औसत से 17,868 रन बनाए हैं। इस दौरान वेंगसरकर के बल्ले से 55 शतक निकले हैं।