पांच ऐसे फुटबॉलर्स जिन्होंने दो देशों के लिए खेला इंटरनेशनल फुटबॉल
फुटबॉलर्स के लिए क्लब बदलना कोई बड़ी बात नहीं है और लगातार हम खिलाड़ियों को एक क्लब से दूसरे क्लब में जाते हुए देखते रहते हैं। देश बदलना काफी बड़ी बात होती है, लेकिन फुटबॉल जगत में कई खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने एक से ज़्यादा देशों के लिए इंटरनेशनल फुटबॉल खेला है। एक नजर उन 5 खिलाड़ियों पर जिन्होंने दो देशों के लिए इंटरनेशनल फुटबॉल में अपना जलवा बिखेरा है।
ब्राज़ील छोड़कर स्पेन का दामन थामा
ब्राज़ील में जन्में डिएगो कोस्टा ने अपने फुटबॉल करियर का ज़्यादातर समय स्पेन में क्लब फुटबॉल खेलते हुए ही बिताया है। 2013 में उन्होंने ब्राज़ील के लिए इंटरनेशनल डेब्यू किया और दो मुकाबले खेले। ये दोनों मुकाबले इंटरनेशनल फ्रेंडली मुकाबले थे। 2014 में कोस्टा ने अचानक देश बदलने का निर्णय लिया और उन्होंने ब्राज़ील छोड़कर स्पेन के लिए खेलने का निर्णय लिया। स्पेन के लिए कोस्टा 24 मैचों में 10 गोल दाग चुके हैं।
मोरक्को और बेल्ज़ियम दोनों के लिए खेलने वाले खिलाड़ी
नासेर के पास मोरक्को और बेल्ज़ियम दोनों की नागरिकता है और इसी कारण 2010 में वह मोरक्को के लिए खेलने में सफल रहे थे। 2011 में नासेर ने बेल्ज़ियम के लिए खेलने की इच्छा जाहिर की जिसे स्वीकार भी कर लिया गया। बेल्ज़ियम के लिए नासेर अब तक 50 से ज़्यादा मुकाबले खेल चुके हैं और पिछले साल हुए फीफा वर्ल्ड कप में भी वह बेल्ज़ियम की टीम का हिस्सा थे।
ब्राज़ील में नहीं मिले मौके तो चले आए इटली
करियर के शुरुआती दौर में बार्सिलोना के लिए खेलने वाले थियागो मोट्टा ने ब्राज़ील के लिए अंडर-17 और सीनियर फुटबॉल दोनों खेला था। हालांकि, 2003 में ब्राज़ील के लिए इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले मोट्टा को केवल दो मुकाबले खेलने का ही मौका मिला और नौ साल तक उन्हें टीम में वापस नहीं बुलाया गया। 2011 में मोट्टा ने इटली के ऑफर को स्वीकार कर लिया और इटली के साथ वर्ल्ड कप और यूरो जैसे बड़े टूर्नामेंट खेले।
जर्मनी और यूनाइटेड स्टेट्स दोनों के लिए खेलने वाले खिलाड़ी
जर्मेन के पिता अमेरिकी और उनकी मां जर्मन थीं। उन्होंने जर्मनी के लिए अंडर-20, अंडर-21 और सीनियर लेवल का फुटबॉल खेला। जर्मनी की टीम में जगह नहीं मिलने के कारण उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स के लिए खेलने का फैसला किया। यूनाइटेड स्टेट्स आने के बाद से जर्मेन अब तक 69 मुकाबले खेल चुके हैं। फिलहाल 37 साल के हो चुके जर्मेन इंडोर शॉकर खेल रहे हैं। नेशनल टीम के लिए भी वह लंबे समय से नहीं खेले हैं।
यूगोस्लाविया पर लगे बैन ने दूसरे देश से खेलने को किया मजबूर
पैंसेव ने यूगोस्लाविया के लिए 1990 वर्ल्ड कप खेला था और पहले मुकाबले में ही दो गोल दागे थे। 1992 में यूगोस्लाविया पर बोस्निया में हो रहे युद्ध के कारण यूरो में भाग लेने पर बैन लगा दिया गया था। इसके बाद पैंसेव ने मैसेडोनिया के लिए खेलने का निर्णय लिया। पैंसेव ने यूगोस्लाविया के लिए 27 मुकाबलों में 17 गोल दागे थे। मैसेडोनिया के लिए उनका करियर छोटा रहा और वह केवल छह मुकाबले ही खेल सके।