भारतीय टीम का मेंटोर बनते ही धोनी के खिलाफ दर्ज हुआ हितों के टकराव का मामला
क्या है खबर?
बीती रात भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पूर्व कप्तान एमएस धोनी को टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का मेंटोर घोषित किया था। पिछले साल संन्यास लेने वाले धोनी 2019 विश्व कप सेमीफाइनल के बाद पहली बार भारतीय टीम के साथ दिखेंगे।
हालांकि, इससे पहले मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने BCCI अपेक्स काउंसिल के सदस्यों के सापेक्ष धोनी के खिलाफ हितों के टकराव का मामला दर्ज कराया है।
शिकायत
अपेक्स काउंसिल के समक्ष गुप्ता ने दर्ज कराई शिकायत
एथिक्स ऑफिसर की गैरमौजूदगी में गुप्ता ने अपनी बात अपेक्स काउंसिल के सदस्यों के सामने रखी है। उनका कहना है कि धोनी को भारत का मेंटोर नियुक्त किया जाना साफ तौर पर हितों के टकराव का मामला है।
गुप्ता का कहना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का कप्तान रहते हुए धोनी कैसे भारत के मेंटोर बन सकते हैं। गुप्ता के मुताबिक उन्हें एक ही रोल मिलना चाहिए।
पुराना मामला
गुप्ता ने दिया पुराने मामले का उदाहरण
नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) का डॉयरेक्टर बनने के समय राहुल द्रविड़ भी राजस्थान रॉयल्स के कोच थे, लेकिन उन्हें फ्रेंचाइजी क्रिकेट में अपने पद को छोड़ना पड़ा था। अब गुप्ता ने भी उन्हीं के मामले का उदाहरण अपेक्स काउंसिल के समक्ष प्रस्तुत किया है।
गुप्ता का आरोप है कि अगस्त 2018 में लोढ़ा पैनल द्वारा सुझाए गए और सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूर किए गए बोर्ड के नए संविधान का साफ तौर पर उल्लंघन किया जा रहा है।
नियुक्ति
इस तरह हुई है धोनी की नियुक्ति
क्रिकबज के मुताबिक शाह ने धोनी से मेंटोर के रूप में टीम से जुड़ने का आग्रह किया और धोनी उनकी इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते थे। हालांकि, धोनी चाहते थे कि विराट कोहली, रोहित शर्मा और रवि शास्त्री भी इस बारे में अपनी राय व्यक्त करें।
धोनी की कप्तानी में खेल चुके कोहली और रोहित ने इस निर्णय का स्वागत किया और शास्त्री ने भी धोनी को टीम में लाने के निर्णय को शानदार बताया।
नियम
क्या है हितों का टकराव?
अगस्त 2018 में लागू की गई BCCI की नई संविधान के मुताबिक एक समय पर एक व्यक्ति केवल एक ही पद पर रह सकता है। एक समय पर दो पद संभालने से हितों के टकराव का मामला होगा।
2019 क्रिकेट विश्व कप के दौरान सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली से IPL में अपने-अपने पदों और कमेंट्री में से एक चुनने को कहा गया था। सचिन और गांगुली तब से कमेंट्री बॉक्स में एकदम कम दिखे हैं।