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बॉयो-बबल को लेकर रसेल का बड़ा बयान, कहा- मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है असर

बॉयो-बबल को लेकर रसेल का बड़ा बयान, कहा- मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है असर

लेखन Neeraj Pandey
Jun 03, 2021
05:40 pm

क्या है खबर?

पिछले साल शुरु हुई कोरोना महामारी ने अब तक लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। लगातार मैदान में क्रिकेट खेलते दिख रहे क्रिकेटर्स भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं रहे हैं। पिछले साल से ही क्रिकेट को बॉयो-बबल में खेला जा रहा है। कैरेबियन स्टार आंद्रे रसेल पिछले साल से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं और अब उन्होंने कहा है कि बॉयो-बबल के कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है।

बयान

मेरे ऊपर पड़ा है बबल का असर- रसेल

पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) खेलने के लिए अबु धाबी पहुंच चुके रसेल ने क्रिकबज के मुताबिक जियो न्यूज से कहा कि बॉयो-बबल का असर हो रहा है। उन्होंने आगे कहा, "क्वारंटाइन से गुजरने वाले अन्य खिलाड़ी, कोच या किसी व्यक्ति के लिए मैं नहीं कह सकता, लेकिन मेरे ऊपर इसका असर पड़ा है। बबल से बबल, कमरे में बंद रहना, कहीं घूमने नहीं जा सकना और अन्य प्रतिबंध काफी अलग हैं।"

बबल

लगातार बबल में रह रहे हैं रसेल

रसेल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में हिस्सा लेने के लिए भारत में थे, लेकिन बबल में कोरोना का मामला आने के बाद लीग को निलंबित करना पड़ा था। इसके बाद अब वह PSL खेलने के लिए तैयार हो रहे हैं। अप्रैल में शुरु हुए IPL के लिए रसेल मार्च के अंत में बबल का हिस्सा बन गए थे और दो-तीन हफ्तों के ब्रेक के बाद एक बार फिर वह बबल में जाने वाले हैं।

कसरत

ढेर सारी कसरत करके रखता हूं खुद को व्यस्त- रसेल

रसेल ने बताया कि होटल के कमरे में बंद रहने पर वह खुद को ढेर सारी कसरत करके व्यस्त रखते हैं। उन्होंने कहा, "मैं अपने कमरे में एक साइकिल या ऐसी कोई चीज चाहता हूं जिससे कि मैं अपना हार्ट रेट ऊपर रख सकूं। मेरे पास जितनी जगह है मैं उसका उपयोग करता हूं। फ्लोर पर मैं पुशअप करता हूं। कुछ कसरत के लिए मैं कमरों की चीजों का इस्तेमाल करता हूं।"

मानसिक स्वास्थ्य

बड़ी परेशानी के रूप में सामने आ रहा है मानसिक स्वास्थ्य

मानसिक स्वास्थ्य पिछले साल से एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है। कोरोना के कारण लगातार लग रहे लॉकडाउन के बीच जहां आम आदमी का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है तो वहीं बबल में खेलने से खिलाड़ी प्रभावित हो रहे हैं। बबल के कारण दौरे भी लंबे हो रहे हैं। खिलाड़ियों को लगातार बबल में रहने के अलावा कड़े क्वारंटाइन और रेगुलर टेस्ट से गुजरना पड़ता है।