KPL मैच फिक्सिंग: खिलाड़ियों से मिलने के लिए आईफोन का लालच देते थे सट्टेबाज़
क्या है खबर?
क्रिकेट में रोमांच का तड़का डालने के लिए इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने 2003 में टी-20 क्रिकेट की शुरुआत की।
इस खेल की लोकप्रियता को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भी यह फ़ॉर्मेट शामिल हुआ, साथ ही सभी देशों ने घरेलू क्रिकेट में भी इसे जगह दी।
इसके बाद कई देशों ने युवाओं को मौका देने और नए टैलेंट को तलाशने के लिए टी-20 लीग्स का आयोजन शुरु किया।
इसी तर्ज पर 2009 में कर्नाटक प्रीमियर लीग शुरु की गई थी।
चर्चा
सुर्खियों में बनी हुई है कर्नाटक प्रीमियर लीग
कर्नाटक प्रीमियर लीग (KPL) की शुरुआत 10 साल पहले हुई थी। यह देश में किसी राज्य की पहली फ्रेचाइज़ी टी-20 लीग है।
हालांकि, अब इस लीग पर मैच फिक्सिंग का बुरा साया छाया हुआ। रोज़ इस लीग से मैच फिक्सिंग को लेकर कोई न कोई खबर आती रहती है।
अब तक इस लीग में मैच फिक्सिंग के आरोप में शामिल छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें एक कोच, चार खिलाड़ी और एक टीम का मालिक शामिल है।
iPhone
KPL में सट्टेबाज़ों से मिलने के लिए खिलाड़ियों को मिलता था आईफोन का लालच
अंग्रेज़ी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि KPL में मैच फिक्सिंग की बात पर नाम छुपाने की तर्ज पर अब कई खिलाड़ी बोलने को तैयार हो गए हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने KPL के एक खिलाड़ी के हवाले से लिखा है, "एक खिलाड़ी ने मुझे बताया था कि उसे किसी से मिलने के लिए iPhone दिया गया था। एक कोच है, जो खिलाड़ियों को बांटने के लिए आईफोन से भरा एक बैग ले जा रहा था।"
बातचीत
यह अब प्रबंधन पर है कि वह उनसे निपटे और उन्हें सार्वजनिक करे- रवि सवानी
ICC और BCCI की एंटी-करप्शन यूनिट (ACU) के पूर्व प्रमुख रवि सवानी, जिनकी निजी सुरक्षा फर्म को पिछले सत्र तक KPL की ACU गतिविधि के साथ काम सौंपा गया था, पुष्टि करते हैं कि कई दृष्टिकोणों की सूचना दी गई थी।
हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा, "यह अब प्रबंधन पर है कि वह उनसे निपटे और उन्हें सार्वजनिक करे। हमने दिन-प्रतिदिन इस पर निगरानी की। जब भी कोई समस्या होती है, उन्हें सूचित किया जाता है।"
मैच फिक्सिंग
समस्या तब होती है, जब ऊपर के लोग इसमें शामिल होते हैं- खिलाड़ी
KPL के एक खिलाड़ी ने कहा, "समस्या तब होती है, जब ऊपर के लोग इसमें शामिल होते हैं। इस कारण खिलाड़ी रिपोर्ट नहीं कर पाते हैं। अगर आप ऐसा करने से मना करते हैं, तो वे पूछते हैं कि तुम क्यों ऐसा करना नहीं चाहते।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे कप्तान, जो बिल्कुल साफ-सुथरे थे। उनको पता चला कि टीम के अंदर कितनी गलत चीज़ें थी। उन्होंने संचार उपकरणों को हटाए जाने के बाद प्लेइंग इलेवन की घोषणा करना शुरू किया।"
कहानी
खिलाड़ियों और अधिकारियों ने बताया फिक्सिंग की कहानी
एक फ्रेंचाइज़ी के अधिकारी ने कहा, "एक बार एक सीनियर खिलाड़ी को धीमी बल्लेबाज़ी की वजह से टीम से बाहर किया गया। कप्तान को लगा कि वह खराब फॉर्म में है, लेकिन बाद में पता चला कि उसकी धीमी पारी फिक्सिंग का हिस्सा थाी।"
एक अन्य खिलाड़ी ने बताया कि एक बार मैच में कप्तान टॉस के लिए जाने से पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने के निर्देश का इंतजार कर रहा था
सट्टेबाज़ी
IPL के दौरान सिर्फ कर्नाटक में 100 से 200 करोड़ की होती है सट्टेबाज़ी- अधिकारी
BCCI एंटी करप्शन यूनिट के एक अधिकारी ने कहा, "जब लीग में पैसे बढ़ने लगे और सट्टेबाजी की संख्या भी बढ़ने लगी, तो सोनी ने 2014 से 2016 तक इस लीग के प्रसारण के अधिकार ले लिए। इसके बाद 2017 में स्टार स्पोर्ट्स आए।
उन्होंने आगे कहा, IPL के दौरान सिर्फ कर्नाटक में सट्टेबाज़ी लगभग एक-तिहाई होती है, जो 100 से 200 करोड़ तक है। वहीं पूरे भारत में यह आंकड़ा 1000 से अधिक करोड़ का होगा।"