भविष्य में डे-नाइट टेस्ट आयोजित करने के बारे में पुनर्विचार करेगी BCCI- रिपोर्ट
भारत और इंग्लैंड के बीच अहमदाबाद में खेला डे-नाइट टेस्ट समाप्त तो हो गया है, लेकिन इसको लेकर चर्चा अभी रुकने का नाम नहीं ले रही है। दो दिन के भीतर समाप्त हुआ यह टेस्ट भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के लिए भी समस्या बनता दिख रहा है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारतीय खिलाड़ियों ने बोर्ड को गुलाबी गेंद के बारे में कुछ सुझाव दिए हैं और डे-नाइट टेस्ट के आयोजन पर पुनर्विचार करने को भी कहा है।
अहम है खिलाड़ियों का सुझाव- BCCI ऑफिशियल
टीम मैनजमेंट ने दो मुख्य चीजें देखी हैं जिसमें गुलाबी गेंद का अधिक स्किड होना और साथ ही इसका सही से दिखाई नहीं देना बल्लेबाजों के लिए कठिनाई पैदा कर रहा है। एक BCCI ऑफिशियल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "खिलाड़ी जो कहते हैं वह जरूरी होता है। भविष्य में हम डे-नाइट टेस्ट आयोजित करेंगे या नहीं इसको लेकर हम जल्द ही निर्णय लेंगे। हमारे खिलाड़ी डे-नाइट टेस्ट खेलने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि गुलाबी गेंद में काफी दिक्कतें हैं।"
अहमदाबाद में स्पिनर्स ने लिए थे 30 में से 28 विकेट
अहमदाबाद में खेले गए डे-नाइट टेस्ट की पिच स्पिनर्स के लिए इतनी मददगार रही कि 30 में से 28 विकेट स्पिनर्स के खाते में गए। भारत के लिए अक्षर पटेल ने 11 विकेट चटकाए तो वहीं इंग्लैंड के कप्तान जो रूट खुद पांच विकेट ले गए थे। अक्षर टेस्ट की किसी पारी की पहली गेंद पर विकेट लेने वाले चौथे स्पिनर बने हैं। उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी में पहली तीन गेंदों में दो विकेट लिए थे।
टीम मैनेजमेंट ने की थी स्पिनर्स की मददगार पिच की मांग
ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम मैनेजमेंट ने स्पिनरों की मददगार पिच की मांग की थी जबकि डे-नाइट टेस्ट में पिच पर थोड़ी घास छोड़ी जाती है। गुलाबी गेंद का रंग जल्दी फीका न हो और यह लंबे समय तक चल सके इसके लिए पिच पर घास छोड़ी जाती है। इंग्लैंड ने स्विंग की उम्मीद में केवल एक ही स्पिनर उतारा था तो वहीं भारत तीन मुख्य स्पिनर्स के साथ मैदान में उतरा था।
तीन दिन में ही खत्म हुए हैं भारत के अन्य दो डे-नाइट टेस्ट
इससे पहले भारत ने नवंबर 2019 में अपना पहला डे-नाइट टेस्ट आयोजित किया था। बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में खेला गया वह मुकाबला भी तीसरे ही दिन समाप्त हो गया था। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेले अपने पहले विदेशी डे-नाइट टेस्ट में भारतीय टीम केवल 36 के स्कोर पर सिमट गई थी और मुकाबला तीसरे ही दिन समाप्त हो गया था। इन दोनों मैचों में तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहा था।
डे-नाइट टेस्ट खेलने से बच रहा था भारत
भारतीय टीम डे-नाइट टेस्ट खेलने से लंबे समय से बचती आ रही थी, लेकिन 2020-21 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन पर डे-नाइट टेस्ट खेलने का दबाव बनने लगा था। दौरे से पहले डे-नाइट टेस्ट का अनुभव लेने के लिए उन्होंने अपने घर में बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाइट खेला था। उस मैच और हाल ही में समाप्त हुए इंग्लैंड के खिलाफ मैच को देखने के बाद लगता है कि अपने घर में भारत के लिए डे-नाइट खेलना कठिन नहीं है।