राष्ट्रमंडल खेल 2022: पैरा-पावरलिफ्टिंग में पहला गोल्ड मेडल जीतने वाले सुधीर कौन हैं?
बीते गुरुवार (04 अगस्त) को राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारतीय पैरा एथलीट सुधीर ने पैरा-पावरलिफ्टिंग में पुरुषों की हैवीवेट कैटेगिरी में गोल्ड जीता है। सुधीर ने 134.5 प्वाइंट हासिल करते हुए गेम्स रिकॉर्ड भी बनाया है। इसके साथ ही वह पैरा-पावरलिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बन गए हैं। यह बर्मिंघम खेलों में भारत की झोली में आने वाला कुल छठा गोल्ड मेडल है। इस बीच सुधीर के सफर पर एक नजर डालते हैं।
इस तरह से सुधीर ने जीता गोल्ड
208 किलो के साथ शानदार शुरुआत करने वाले सुधीर ने दूसरे प्रयास में 212 किलो का भार उठाने में सफलता पाई। तीसरे प्रयास में उन्होंने 217 किलो का भार उठाना चाहा, लेकिन सफल नहीं हो सके। हालांकि, 212 किलो के साथ ही सुधीर ने 134.5 प्वाइंट हासिल कर लिए थे। नाइजीरिया के क्रिस्चियन ओबिचूक्वू ने 197 किलो का अपना बेस्ट भार उठाते हुए 133.6 प्वाइंट हासिल किए और सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
एशिया-ओशिनिया ओपन चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता हैं सुधीर
सुधीर ने इस साल जून में दक्षिण कोरिया में आयोजित विश्व पैरा पावरलिफ्टिंग एशिया-ओशिनिया ओपन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने इवेंट में पुरुषों के 88 किग्रा वर्ग में 214 किग्रा का सर्वश्रेष्ठ वजन उठाया था।
बचपन से ही पोलियो ग्रसित हो गए थे सुधीर
हरियाणा राज्य के सोनीपत जिले में सुधीर का जन्म किसान परिवार में हुआ, जहां उन्हें सिर्फ चार साल की उम्र में पोलियो हो गया था। पोलियो के कुप्रभाव से विकलांग हुए सुधीर ने 2013 में सोनीपत में पावरलिफ्टिंग शुरू की थी। उन्होंने साल 2016 में अपने पहले राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने 2018 एशियाई पैरा खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया और कांस्य पदक जीता।
न्यूजबाइट्स प्लस
सुधीर वर्तमान में हरियाणा सरकार के लिए एक वरिष्ठ कोच (वेटलिफ्टिंग) के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें 2018 में 17वीं सीनियर और 12वींजूनियर नेशनल पैरा पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 'स्ट्रॉन्ग मैन ऑफ इंडिया' के नाम से सम्मानित किया गया था।
पदक जीतने के बाद क्या बोले सुधीर?
गोल्ड जीतने के बाद सुधीर ने बताया कि उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी और वह मेडल को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे। इस बारे में उन्होंने कहा, "मैंने बिल्कुल सोचा था कि मैं गोल्ड जीतूंगा। मेरी तैयारी बहुत अच्छी थी और मैं इसके लिए बर्मिंघम को धन्यवाद देता हूं।" इसके अलावा उन्होंने प्रशंसको का भी आभार व्यक्त किया है, जो बड़ी मात्रा में उनका उत्साह बड़ा रहे थे।