AI को रेगुलेट करेगी सरकार, डिजिटल नागरिकों को नहीं होने दिया जाएगा नुकसान- राजीव चंद्रशेखर
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तमाम खासियतों के साथ ही इसके संभावित नुकसान के बारे में भी बात हो रही है। अलग-अलग देश इसके नियमन के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक कार्यक्रम में कहा कि AI डिजिटल नागरिकों को नुकसान न पहुंचाए, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार AI को रेगुलेट करेगी।
उन्होंने कहा, "इंटरनेट आपराध में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन हम नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे।"
जानकारी
इसी महीने शुरू होगा डिजिटल इंडिया विधेयक पर विचार-विमर्श
इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रोद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल इंडिया विधेयक पर विचार-विमर्श इसी महीने शुरू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नया पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल भी जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा।
खतरा
एक्सपर्ट ने AI निर्माण को सॉफ्टवेयर की दुनिया का परमाणु हथियार बताया
AI से जुड़े एक्सपर्ट्स से लेकर दिग्गज उद्योगपतियों इसके संभावित खतरों को लेकर समय-समय पर अपनी राय रखते रहे हैं। इसे मानव सभ्यता और समाज के लिए खतरा बताते हुए एलन मस्क जैसे कई दिग्गजों ने इसके विकास पर 6 महीने की रोक लगाने की मांग की थी।
केविन बैरागोना नाम के टेक्निकल एक्सपर्ट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि AI का निर्माण सॉफ्टवेयर की दुनिया में परमाणु हथियार बनाने जैसा है।
इस्तीफा
ऐपल CEO ने AI के नियमन के लिए कही रेगुलेशन की बात
AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने इसके खतरों के प्रति लोगों को आगाह करने के लिए गूगल की नौकरी छोड़ दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंटन ने इस्तीफा इसलिए दिया कि उन्होंने जिस तकनीक को विकसित किया, अब उसके खतरों के बारे में बात कर सकें।
दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे ने AI की तुलना परमाणु बम से की थी। हाल ही में ऐपल CEO टिम कुक ने भी इसके नियमन के लिए रेगुलेशन की बात की है।
आशंका
AI के संभावित खतरे
AI के संभावित खतरों में झूठी जानकारी तैयार करने से लेकर फेक फोटो बनाने, लोगों की नौकरी लेने, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने जैसे कई डर हैं।
कई AI शोधकर्ताओं और CEO ने कहा था कि AI के खतरों से निपटने के लिए इसे परमाणु युद्ध या महामारी जैसी प्राथमिकता देना होगा और सभी को साथ में मिलकर इससे निपटना होगा।
अमेरिका, ब्रिटेन सहित अन्य देश इसके नियमन के लिए कानून बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं।
आशावादी
AI के अच्छे प्रभाव को लेकर 60 प्रतिशत भारतीय हैं आशावादी
AI के खतरों के साथ ही इसके प्रभाव को लेकर आशावादी लोग भी हैं। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने एक सर्वे किया था, जिसके अनुसार, 60 प्रतिशत भारतीय अधिकारी अपने काम के क्षेत्र में AI के अच्छे प्रभाव को लेकर आशावादी हैं।
इसके अलावा बिल गेट्स जैसे दिग्गज उद्योगपति भी AI को लेकर सकारात्मक रुख रखते हैं। AI के विकास पर 6 महीनों की रोक की मांग के दौरान उन्होंने इसे टेक्नोलॉजी के विकास में बाधा बताया था।
मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने सैम ऑल्टमैन से मुलाकात कर कही ये बात
एक बड़े AI स्टार्टअप OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर गहरी बातचीत के लिए ऑल्टमैन को धन्यवाद दिया और लिखा कि भारत के टेक ईकोसिस्टम को बढ़ाने में AI की क्षमता बहुत बड़ी है।
उन्होंने यह भी लिखा, 'हम उन सभी कोलैबरेशन का स्वागत करते हैं, जो हमारे नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए हमारे डिजिटल बदलाव को बढ़ाने और उसे गति देने में मदद दे सकते हैं।'