AI के अच्छे प्रभाव को लेकर भारत में 60 प्रतिशत लोग हैं आशावादी- रिपोर्ट
क्या है खबर?
ChatGPT समेत कई अन्य जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स व्यवसायों को काफी तेजी से बदल रही हैं। इसके प्रभाव के बारे में जानने के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने एक सर्वे किया है।
यह सर्वे 18 देशों में अलग-अलग उद्योगों के कार्यकारी सुइट्स से लेकर फ्रंटलाइन कर्मचारियों तक के 12,800 कर्मचारियों के इनपुट पर आधारित है।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 60 प्रतिशत भारतीय अधिकारी अपने काम के क्षेत्र में AI के अच्छे प्रभाव को लेकर आशावादी हैं।
डर
नौकरी जाने का भी है लोगों को डर
भारत में 1,000 उत्तरदाताओं में से 60 प्रतिशत AI के बारे में आशावादी तो हैं, लेकिन उनमें से 88 प्रतिशत का मानना है कि AI से उनकी नौकरी बदलने की संभावना है और 80 प्रतिशत का मानना है कि AI के लिए नियम बनाने की जरूरत है।
वैश्विक स्तर पर, 36 प्रतिशत लोगों को लगता है कि AI से उनकी नौकरी जा सकती है और 86 प्रतिशत का मानना है कि इसके कारण उन्हें नए कौशल सीखने की आवश्यकता होगी।
चिंतित
AI के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं लोग
2018 में AI के प्रभाव को लेकर केवल वैश्विक स्तर पर 35 प्रतिशत लोग आशावादी थे, जो अब बढ़कर 52 प्रतिशत हो गया है।
हालांकि, आशावादी होने के साथ जनरेटिव-AI के प्रभाव को लेकर कई देशों में लोग काफी चिंतित भी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक नीदरलैंड में 42 प्रतिशत, फ्रांस में 41 प्रतिशत और जापान में 38 प्रतिशत लोग AI के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं, जबकि भारत में केवल 14 प्रतिशत लोग चिंतित हैं।