विदेशों में डाटा क्यों भेजती हैं मोबाइल ऐप्स और इसके क्या नुकसान हैं?
बीते सोमवार को भारत सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स को बैन कर दिया था। इसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि देश की संंप्रभुता और अखंडता के लिए यह जरूरी कदम है। सरकार भारत के नागरिकों के डाटा और निजता में किसी तरह की सेंध नहीं चाहती। पहले भी इन ऐप्स को बैन करने की मांग उठती रही थी। लोगों का कहना था कि ये ऐप्स विदेशों में स्थित सर्वर में डाटा भेजती हैं।
यूजर्स से डाटा क्यों लेती हैं मोबाइल ऐप्स
जब आप कोई ऐप इस्तेमाल करते हैं तो यह आपसे कई तरह की परमिशन मांगती है। परमिशन देने और उसके बाद उपयोग करने तक, ये ऐप्स आपकी जानकारियां सर्वर तक भेजती रहती हैं। सर्वर पर आपका सारा डाटा स्टोर होता है। ऐप्स और कंपनियां अलग-अलग तरीकों से इस डाटा का इस्तेमाल करती हैं। अधिकतर कंपनियां डाटा लेने के पीछे आपके अनुभव बेहतर बनाने की वजह बताती हैं। वहीं कुछ विज्ञापन दिखाने के लिए डाटा लेने की बात कहती हैं।
अधिकतर कंपनियों के सर्वर विदेशों में
चाइनीज ऐप्स को बैन करने की मांग के पीछे एक बड़ी वजह यह बताई जा रही थी कि ये ऐप्स विदेशों में स्थित सर्वर पर डाटा भेजती हैं। दरअसल, भारत में कारोबार करने वाली कई कंपनियां विदेशी हैं। इसलिए उनके सर्वर भी विदेशों में स्थित हैं। अलग-अलग जगह सर्वर लगाने में आने वाले खर्च से बचने के लिए कंपनियां एक ही सर्वर पर डाटा स्टोर करती हैं। इससे उन्हें अपने काम में भी मदद मिलती हैं।
कई भारतीय कंपनियां भी विदेशों में भेजती हैं डाटा
हालांकि, सभी कंपनियों के पास अपने सर्वर नहीं होते इसलिए वो थर्ड पार्टी के सर्वर पर अपना डाटा स्टोर करते हैं। भारत में भी कई कंपनियों के पास अपने सर्वर हैं, लेकिन यहां बड़े स्तर पर डाटा स्टोर करने वाली कंपनियां कम है। इस वजह से देश में काम करने वाली कुछ कंपनियां विदेशी सर्वर पर अपना डाटा भेजती है। कोई भी कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से सर्वर का चयन करती है। इसमें उसकी लागत भी महत्वपूर्ण होती है।
सर्वर किस देश में है, यह क्यों महत्वपूर्ण है?
बीबीसी से बात करते हुए IIT रोपड़ के बलविंदर सोढी बताते हैं कि सर्वर की सुरक्षा उस देश के कानून पर निर्भर करती है, जहां वह मौजूद है। वो कहते हैं, "अगर चीन जैसे देश की बात करें तो वहां की सरकार किसी भी कंपनी को आदेश देकर डेटा निकाल सकती है और इसका कई प्रकार से प्रयोग कर सकती है। यूरोप के देशों और कुछ दूसरे देशों में नियम चीन की तुलना में थोड़े कड़े हैं।"
अपने देश में डाटा स्टोर होना का क्या फायदा है?
अगर किसी कंपनी का सर्वर भारत में स्थित है और वह आपका डाटा का गलत इस्तेमाल करती है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन अगर सर्वर विदेशों में है तो अपने देश के कानून वहां लागू नहीं हो सकते।
मोबाइल ऐप्स से सुरक्षा को खतरा कैसे?
सरकार ने चाइनीज ऐप्स बैन करते हुए कहा था कि ये सुरक्षा के लिए भी खतरा है। ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि मोबाइल ऐप्स सुरक्षा के खतरा कैसे हो सकती है। दरअसल, चाइनीज ऐप्स पर लंबे समय से भारतीय यूजर्स का डाटा अपने देश में भेजने के आरोप लग रहे थे। संसद में भी कई बार यह मामला उठ चुका है। वहीं इनके जरिये यूजर्स की निजी जानकारियों को बेचने का कारोबार भी चलता है।
गोपनीय जानकारियां जाती हैं बाहर
विशेषज्ञों ने बताया कि डॉक्यूमेंट स्कैन करने वाली ऐप पर जब आप कोई डॉक्यूमेंट स्कैन करते हैं तो उसकी एक कॉपी उसके सर्वर पर चली जाती है। ऐसे में अगर कोई सरकारी अधिकारी किसी गोपनीय डॉक्यूमेंट को उसके जरिये स्कैन करता है तो इससे जरूरी जानकारी देश से बाहर चली जाती है, जिसका दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा कई ऐप्स यूजर्स के कीबोर्ड को रीड करती है और वो पासवर्ड आदि चुरा लेती हैं।