
शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी पर किस तरह और कितना पहुंचा सकते हैं नुकसान?
क्या है खबर?
हमारे सौरमंडल में समय-समय पर कई प्राकृतिक घटनाएं होती हैं, जिनमें से कुछ का असर सीधे पृथ्वी पर भी पड़ता है।
इन्हीं घटनाओं में से एक है सौर तूफान, जो सूर्य पर हुए विस्फोटों से जुड़ा होता है। सूर्य पर कभी-कभी बहुत तेज विस्फोट या ऊर्जा की लहरें निकलती हैं, जिन्हें सौर तूफान कहा जाता है।
जब ये पृथ्वी के नजदीक पहुंचते हैं, तो हमारे ग्रह की चुंबकीय परत पर टकराते हैं, जिससे कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
बिजली
बिजली और संचार व्यवस्था पर असर
शक्तिशाली सौर तूफानों का सबसे पहला असर हमारी बिजली और संचार व्यवस्था पर पड़ता है।
इससे ग्रिड फेल हो सकते हैं और बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट हो सकता है। 1989 में कनाडा में ऐसा ही हुआ था जब एक तेज सौर तूफान के कारण पूरे प्रांत में बिजली चली गई थी।
मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट और GPS सेवाएं भी काम करना बंद कर सकती हैं। इससे ना केवल आम जनजीवन ठप पड़ता है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था भी कमजोर हो जाती है।
सैटेलाइट्स
सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष उपकरणों को खतरा
सौर तूफानों से सैटेलाइट्स की कार्यप्रणाली भी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
इनसे निकलने वाली ऊर्जा सैटेलाइट्स के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को खराब कर सकती है, जिससे वे नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। इससे मौसम की जानकारी, टीवी प्रसारण और रक्षा से जुड़ी सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) जैसे मिशनों को भी खतरा हो सकता है। यहां तक कि अंतरिक्ष यात्रियों के जीवन को भी इससे खतरा हो सकता है।
असर
हवाई उड़ानों और रेडियो नेटवर्क पर असर
बहुत तेज सौर तूफान से धरती के ऊपरी वायुमंडल में बदलाव होता है, जिससे रेडियो सिग्नल बाधित हो जाते हैं।
ध्रुवीय क्षेत्रों से उड़ने वाली हवाई सेवाओं को अक्सर अपने रास्ते बदलने पड़ते हैं। इससे न सिर्फ देरी होती है, बल्कि ईंधन की लागत भी बढ़ती है।
विमानन क्षेत्र में नेविगेशन सिस्टम अस्थिर हो सकता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ता है। समुद्री और रक्षा संचार में भी भारी गड़बड़ी देखी जा सकती है।