आदित्य-L1 सितंबर में लॉन्च के लिए तैयार, जानें क्या है ISRO का यह अगला मिशन
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब सूर्य से जुड़े एक मिशन को लॉन्च करने की तैयारी में है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि सूर्य मिशन आदित्य-L1 पर काम चल रहा है और यह सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च के लिए तैयार होगा। हालांकि, मिशन लॉन्च की सटीक तारीख और समय की घोषणा नहीं की गई है। यह ISRO का पहला अंतरिक्ष आधारित सौर मिशन होगा।
L1 बिंदु पर स्थापित होगा आदित्य-L1
सैटेलाइट को सूर्य-पृथ्वी सिस्टम के 5 लैग्रेंज बिंदु (L1, L2, L3, L4 और L5) में से L1 में स्थापित किया जाएगा। इस बिंदु से सैटेलाइट ग्रहण की स्थिति में भी सूर्य की निगरानी कर पाएगा। आदित्य-L1 सैटेलाइट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर L1 बिंदु पर स्थित होगा। शुरुआत में इसे पृथ्वी की निचली ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा और बाद में अंतरिक्ष यान की ऑर्बिट को धीरे-धीरे अधिक अंडाकार ऑर्बिट में ले जाया जाएगा।
लगभग 4 महीने में पूरी होगी यात्रा
एक बार जब यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र (SOI) को छोड़ देता है तो अंतरिक्ष यान एक क्रूज चरण में प्रवेश करेगा और अंतत: L1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करेगा। इसकी लॉन्चिंग के बाद से L1 बिंदु तक की इसकी पूरी यात्रा में लगभग 4 महीने लगने की उम्मीद है। L1 बिंदु पर पहुंचने के बाद आदित्य-L1 रियल टाइम में सौर गतिविधियों की जानकारी देगा। यह सौर रहस्यों को भी उजागर करेगा।
मिशन के उद्देश्य
इस मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में कोरोनल हीटिंग, सौर हवाएं, कोरोनल मास इजेक्शन (CME), सौर फ्लेयर्स और पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष मौसम को समझना शामिल है। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, पार्टिकल और मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर्स का इस्तेमाल करते हुए अंतरिक्ष यान सूर्य की 3 वायुमंडलीय परतों प्रकाशमंडल (सूर्य की दिखने वाली सतह), क्रोमोस्फीयर (मध्य परत) और कोरोना (सबसे बाहरी परत) की जांच करेगा। सूर्य के सतह पर होने वाले विस्फोटों और सोलर विंड के बारे में भी इससे कई नई जानकारियां मिलेंगी।
कुल 7 पेलोड ले जाएगा आदित्य-L1
आदित्य-L1 अपने साथ रिमोट सेंसिंग और इन सीटू यानी 2 कैटेगरी के कुल 7 पेलोड ले जाएगा। इनमें से 4 पेलोड सीधे सूर्य को देखेंगे और 3 पेलोड L1 बिंदु से इन-सीटू अध्ययन करेंगे। मिशन के प्रमुख पेलोड में सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) है। इसे पुणे में इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) द्वारा विकसित किया गया है। यह मेड-इन-इंडिया SUIT पेलोड सूर्य के रहस्यों को उजागर करने में मदद कर सकता है।
PSLV से लॉन्च करने की है योजना
इस महीने की शुरुआत में ISRO ने पुष्टि की थी कि सैटेलाइट आंंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में अंतरिक्ष स्पेसपोर्ट पर पहुंच गया है। सैटेलाइट को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) पर लॉन्च करने की योजना है।