पृथ्वी पर आया G3-श्रेणी का सौर तूफान, दुनिया के कुछ हिस्सों में दिखा इसका प्रभाव
सूर्य पर मौजूद एक सनस्पॉट में विस्फोट के कारण 27 और 28 नवंबर को शक्तिशाली कोरोनल मास इजेक्शन (CME) क्लाउड उत्पन्न हुआ था। नासा की सोलर डायनेमिक ऑब्जर्वेटरी (SDO) के अनुसार, यह CME कल (1 दिसंबर) पृथ्वी से टकराया, जिससे पृथ्वी पर एक शक्तिशाली सौर तूफान आया है। इस सौर तूफान के प्रभाव के कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में लोगों आसमान में रंगीन प्रकाश भी देखने को मिला, जिसे अरोरा कहा जाता है।
G3-श्रेणी का था सौर तूफान
अंतरिक्ष वेबसाइट स्पेस वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, 1 दिसंबर को पृथ्वी पर आया सौर तूफान G3-श्रेणी का था। नासा के एक मॉडल से पता चला है कि कुछ और CME पृथ्वी की ओर बढ़ रहे हैं और यह जल्द ही पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकरा सकते हैं। इस टक्कर से पृथ्वी पर एक बार फिर सौर तूफान आने की आशंका जताई जा रही है। इसके प्रभाव के कई जगहों पर शॉर्टवेब रेडियो ब्लैकआउट हो सकता है।
सौर तूफान से क्या है खतरा?
सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर वैज्ञानिकों ने G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है। सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट को बाधित कर सकते हैं। अत्यधिक शक्तिशाली होने पर ये पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। बता दें कि G1-श्रेणी का सौर तूफान काफी हल्का होता है, लेकिन G5-श्रेणी का सौर तूफान काफी शक्तिशाली होता है।