
नासा का खुलासा, इस ग्रह के अंदर मिली 16 किलोमीटर मोटी हीरे की परत
क्या है खबर?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मैसेंजर अंतरिक्ष यान से बुध ग्रह के अंदर छिपे हीरे के रहस्यों का खुलासा हुआ है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि बुध के अंदर करीब 16 किलोमीटर मोटी हीरे की परत हो सकती है। यह ग्रह सूरज के सबसे पास है और इसका तापमान दोपहर में 426 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पहुंच जाता है।
नासा के यान से मिले संकेतों में कार्बन की अधिकता पाई गई, जिससे हीरे की मौजूदगी की संभावना और मजबूत हुई है।
प्रक्रिया
हीरे बनने की प्रक्रिया कैसी रही?
मैसेंजर से पता चला कि बुध की सतह पर ग्रेफाइट जैसे कार्बन मौजूद हैं, जो पहले एक बड़े मैग्मा महासागर में थे। जब यह विशाल महासागर ठंडा हुआ, तो कार्बन ऊपर तैर गया और धातुएं नीचे बैठ गईं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यही भारी कार्बन नीचे जाकर हीरे में बदल गया। प्रयोगशाला में चीन और बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने बुध जैसे हालात बनाकर दिखाया कि हीरा बनना संभव है।
परत
हीरे की परत और ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र
बुध के कोर और मेंटल के बीच करीब 18 किलोमीटर मोटी हीरे की परत बन सकती है।
यह परत ऊर्जा को तेजी से ऊपर भेजती है, जिससे कोर में गर्मी बनी रहती है और ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र बना रहता है। हीरा बहुत अच्छा तापीय चालक होता है, इसलिए यह गर्मी के प्रवाह में मदद करता है।
इससे ग्रह के अंदर संवहन क्रिया होती है, जो उसके चुंबकीय क्षेत्र को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
भविष्य
भविष्य में और खोजें होंगी
अभी तक किसी भी यान ने बुध के अंदर झांक कर नहीं देखा है, इसलिए यह जानकारी प्रयोगशाला पर आधारित है।
2030 में यूरोप और जापान का संयुक्त मिशन बेपीकोलंबो बुध की कक्षा में पहुंचेगा। उसके उपकरण गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे। इससे हीरे की परत की पुष्टि हो सकती है।
वैज्ञानिक मानते हैं कि बुध पर हीरा बनने की प्रक्रिया और ग्रहों के विकास को समझने में मदद कर सकती है।