UN प्रमुख ने परमाणु एजेंसी की तर्ज पर AI निगरानी संस्था के प्रस्ताव का किया समर्थन
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संभावित खतरों और इसके दुरुपयोग को लेकर इसकी निगरानी और नियमन के लिए विश्व भर में मांग तेज हो रही है।
इस मामले में अब AI कंपनियों से जुड़े कुछ अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की तर्ज पर एक इंटरनेशनल AI निगरानी एजेंसी बनाने का प्रस्ताव रखा है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। गौरतलब है कि AI की क्षमताएं ही चिंता का विषय बन गई हैं।
खतरा
जनरेटिव AI है खतरे की घंटी- गुटेरेस
गुटेरेस ने संवाददातओं से कहा कि AI का नया रूप जनरेटिव AI खतरे की घंटी है।
उन्होंने कहा, "AI को बनाने वाले डेवलपर्स ही खतरा मान रहे हैं तो हमें उन चेतावनियों को गंभीरता से लेना चाहिए।"
उन्होंने AI शासन व्यवस्था की नियमित समीक्षा करने और मानवाधिकारों और कानून के शासन के साथ तालमेल बिठाने पर सिफारिश देने के लिए एक उच्च-स्तरीय AI सलाहकार एजेंसी पर साल के अंत तक काम शुरू करने की योजना की घोषणा की है।
एजेंसी
दिलचस्प हो सकती है AI एजेंसी- गुटेरेस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, "मैं इस विचार के पक्ष में रहूंगा कि हमारे पास एक AI एजेंसी हो सकती है, जो परमाणु ऊर्जा को लेकर बनी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से प्रेरित है।"
गुटेरेस ने कहा कि ऐसा मॉडल बहुत दिलचस्प हो सकता है, लेकिन ध्यान दें कि केवल सदस्य देश ही इसे बना सकते हैं, संयुक्त राष्ट्र का सचिवालय नहीं बना सकता।
बता दें कि IAEA संयुक्त राष्ट्र के प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं आती है।
जानकारी
IAEA का है ये उद्देश्य
वियना स्थित IAEA 1957 में बनाया गया था। इसके 176 सदस्य देश हैं। ये सदस्य देशों के बीच परमाणु टेक्नोलॉजी के सुरक्षित और शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने और किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को रोकने का कार्य करता है।
ब्रिटेन
सलाहकार बोर्ड की नियुक्ति की योजना में गुटेरेस
गुटेरेस ने कहा कि उन्होंने ब्रिटेन में एक शिखर सम्मेलन की योजना का समर्थन किया है, लेकिन कहा कि इसे "गंभीर कार्य" के तौर पर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के AI विशेषज्ञों और मुख्य वैज्ञानिकों के एक सलाहकार बोर्ड की नियुक्ति करने की योजना बना रहे हैं।
AI सुरक्षा और नियमों से जुड़े पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस साल ब्रिटेन करेगा, जिसमें कई देश हिस्सा ले सकते हैं।
प्रतिबंध
AI के लिए IAEA जैसी संस्था पर OpenAI की राय
ChatGPT की निर्माता OpenAI ने पिछले महीने कहा था कि IAEA जैसी संस्था AI के डिप्लॉयमेंट पर प्रतिबंध लगा सकती है, सुरक्षा मानकों का पालन कर सकती है और कंप्यूटिंग शक्ति के उपयोग को ट्रैक कर सकती है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी इस विचार का समर्थन किया और कहा कि वह चाहते हैं कि ब्रिटेन वैश्विक AI सेफ्टी रेगुलेशन का गढ़ हो।
ब्रिटेन साल के अंत में AI से जुड़े एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है।
राय
एक्सपर्ट्स की राय में AI के संभावित खतरे
AI के संभावित खतरों पर एक्सपर्ट चेतावनी देते रहते हैं। एलन मस्क ने AI के विकास पर 6 महीने के रोक की मांग की थी।
केविन बैरागोना नाम के टेक्निकल एक्सपर्ट ने कहा था कि AI का निर्माण सॉफ्टवेयर की दुनिया में परमाणु हथियार जैसा है।
हाल में AI के शीर्ष शोधकर्ताओं और CEO के एक समूह ने कहा था कि महामारी और परमाणु हमले जैसे जोखिम की तरह ही AI के खतरों को प्राथमिकता देकर कम किया जाना चाहिए।
खतरे
AI से जुड़ी चिंताएं
AI के अनेक फायदों के साथ इसके संभावित नुकसान भी हैं। इससे फर्जी फोटो और वीडियो तैयार कर उनके गलत इस्तेमाल से लेकर संदर्भ बदलकर झूठा कंटेंट जनरेट कर गलत सूचना फैलाने का डर है।
AI आधारित फर्जी ऐप बनाकर लोगों से ठगी की जा रही है। अन्य बड़े खतरों में एक्सपर्ट इसे मानव समाज, मानवता और समुदाय के लिए खतरा बताते हैं।
आने वाले समय में AI से विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने का डर है।