ट्विटर ने फैक्ट चेकिंग का किया विस्तार, कई तस्वीरों वाली पोस्ट भी की जा सकेंगी लेबल
कुछ दिनों पहले अमेरिका की सबसे ताकतवर बिल्डिंगों में से एक पेंटागन में ब्लास्ट की फर्जी तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर पर खूब वायरल हुई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से तैयार इस फर्जी तस्वीर में पेंटागन कॉम्पलेक्स में धुएं का गुबार उठता दिखा। इससे अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आ गई। इस घटना के बाद अब ट्विटर अपने क्राउडसोर्स फैक्ट चेकिंग कार्यक्रम को बढ़ा रही है और इसमें तस्वीरों की फैक्ट चेकिंग को भी जोड़ रही है।
तस्वीर से जुड़ी जानकारी भी दे पाएंगे यूजर्स
अभी तक यूजर्स ट्विटर पर मौजूद किसी गलत कंटेंट पर कम्यूनिटी नोट्स के तहत उससे जुड़ी सही जानकारी दे सकते थे। यूजर्स द्वारा दिया गया संदर्भ या सही जानकारी ट्वीट्स के नीचे दिखता है। कंपनी के मुताबिक, अब यूजर्स सिर्फ किसी तस्वीर के गलत होने या उस तस्वीर से जुड़ा संदर्भ गलत होने पर भी उससे जुड़ी सही जानकारी दे पाएंगे। यूजर्स द्वारा दी गई जानकारी "रीसेंट एंड फ्यूटर मैचिंग इमेजेस" के नीचे दिखेगी।
कई तस्वीरों वाले पोस्ट और वीडियो तक बढ़ाया जाएगा ये फीचर
ट्विटर अब तस्वीर से जुड़ा संदर्भ बताने वाले फीचर को कई तस्वीरों वाले पोस्ट और वीडियो तक बढ़ाने पर काम कर रही है। अभी तक ट्विटर के कम्युनिटी नोट्स यूजर्स सिर्फ एक तस्वीर वाले पोस्ट पर ही उससे जुड़ा संदर्भ दे सकते थे। ट्विटर ने यह भी चेतावनी दी है कि कम्युनिटी नोट्स सभी मिलती-जुलती तस्वीरों के नीचे दिखाई नहीं देंगे क्योंकि शुरूआत में सटीकता को लेकर इसमें गलती भी हो सकती है।
AI से तैयार नकली तस्वीरों की पहचान पर ट्विटर का जोर
अपनी घोषणा में ट्विटर ने खासतौर से AI द्वारा तैयार की गई नकली तस्वीरों का उल्लेख किया है। ट्विटर के मुताबिक, AI से तैयार की गई तस्वीरें भ्रामक, भयावह और मनोरंजन का मिलाजुला रूप हैं। उदाहरण के लिए, पेंटागन में विस्फोट से जुड़ी नकली तस्वीर कुछ ब्लू वेरिफाइड चेकमार्क वाले अकाउंट से भी शेयर की गई थी, जिसमें से एक ने खुद को ब्लूमबर्ग न्यूज से जुड़े होने के तौर पर दिखाया था।
AI से तैयार नकली तस्वीरों की ऐसे कर सकते हैं पहचान
AI ताकतवर टेक्नोलॉजी है और पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है। फायदों के साथ ही इसके सामाजिक और आर्थिक नुकसान भी सामने आने लगे हैं। AI के खतरों को लेकर कुछ शोधकर्ताओं और CEO ने नई चेतावनी भी जारी की है। AI द्वारा तैयार की गई फर्जी तस्वीरों से झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाई जाती हैं। हालांकि, AI द्वारा तैयार फर्जी तस्वीरों की पहचान करने के तरीके भी हैं, जिससे इनका पता लगाया जा सकता है।