भारत में स्टारलिंक जल्द शुरू कर सकती है सेवाएं, जियो और अन्य कंपनियां चिंतित
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के करीब है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने जरूरी सरकारी नियमों का पालन करने की सैद्धांतिक सहमति दी है। इन नियमों में डाटा को भारत में ही स्टोर करना और जरूरत पड़ने पर सरकार को सुरक्षा के लिए एक्सेस देना शामिल है। स्टारलिंक को भारत में सेवा शुरू करने के लिए GMPCS लाइसेंस चाहिए और इसके लिए कड़े डाटा नियमों का पालन जरूरी है।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत से मस्क का हो सकता है फायदा
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के लिए मस्क के समर्थन से उनकी कंपनी स्टारलिंक की वैश्विक विस्तार योजनाओं को मदद मिल सकती है। भारत में स्टारलिंक ने GMPCS लाइसेंस और स्पेस नियामक इन-स्पेस से मंजूरी के लिए आवेदन किया है। इन-स्पेस ने स्टारलिंक और अमेजन कुइपर से अधिक जानकारी मांगी है। दूरसंचार विभाग भी दिसंबर तक सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारण और नियमों पर दिशानिर्देश जारी करने की योजना बना रहा है, जो अंतरिक्ष से इंटरनेट सेवा के लिए जरूरी हैं।
भारतीय कंपनियां हैं चिंतित
भारतीय टेलीकॉम कंपनियां जैसे रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (Vi) स्टारलिंक और अन्य विदेशी सैटेलाइट इंटरनेट प्रदाताओं से चिंतित हैं। उनका कहना है कि इन कंपनियों को स्पेक्ट्रम नीलामी के जरिए खरीदना चाहिए, खासकर शहरी इलाकों में, जहां सैटेलाइट इंटरनेट मोबाइल इंटरनेट से प्रतिस्पर्धा करेगा। वहीं, स्टारलिंक का तर्क है कि सैटेलाइट इंटरनेट को पारंपरिक नेटवर्क से अलग माना जाए और इसके लिए स्पेक्ट्रम नीलामी की जरूरत नहीं होनी चाहिए।