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'स्पाइडर-मैन: नो वे होम' की पाइरेटेड कॉपी में खतरनाक मालवेयर
स्पाइडर-मैन मूवी की पाइरेटेड कॉपीज में मालवेयर मौजूद है।

'स्पाइडर-मैन: नो वे होम' की पाइरेटेड कॉपी में खतरनाक मालवेयर

Dec 25, 2021
02:21 pm

क्या है खबर?

मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की नई मूवी 'स्पाइडर-मैन: नो वे होम' दुनियाभर में हिट रही है और इसकी पाइरेटेड कॉपी डाउनलोड करने वाले भी लाखों यूजर्स हैं। टोरेंट वेबसाइट्स की मदद से पाइरेटेड कॉपी डाउनलोड करना भारी पड़ सकता है और इससे जुड़ी चेतावनी सामने आई है। रिसर्चर्स ने बताया है कि इस मूवी की पाइरेटेड कॉपीज में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मालवेयर मौजूद है। यानी कि मूवी डाउनलोड करने भर से आपका क्रिप्टो वॉलेट खाली हो सकता है।

रिपोर्ट

साइबर सुरक्षा रिसर्चर्स ने दी चेतावनी

रीजन लैब्स साइबर सुरक्षा रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि टोरेंट वेबसाइट्स की मदद से स्पाइडर-मैन: नो वे होम डाउनलोड करना माइनिंग मालवेयर का शिकार बना सकता है। रिसर्चर्स का कहना है कि इस मूवी की ऐसी ढेरों पाइरेटेड कॉपीज इंटरनेट पर शेयर की जा रही हैं, जिनमें मालवेयर मौजूद है। इनमें 'spiderman_net_putidomoi.torrent.exe.' फाइल नेम वाला क्रिप्टोजैकिंग मालवेयर भी शामिल है, जिसका काम कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल माइनिंग के लिए करना है।

नुकसान

पूरे कंप्यूटर को हाईजैक कर लेता है मालवेयर

रिसर्चर्स ने बताया है कि एक बार सिस्टम में पहुंचने के बाद मालवेयर इसकी कंप्यूटिंग पावर को हाईजैक कर लेता है। मालवेयर सारी कंप्यूटिंग पावर को प्राइवेसी कॉइन मॉनेरो की माइनिंग के लिए ट्रांसफर कर देता है। इस तरह कंप्यूटर की क्षमता का इस्तेमाल सामान्य सॉफ्टवेयर्स रन करने के बजाय माइनिंग के लिए किया जाता है। रीजन लैब्स रिसर्चर्स ने ब्लॉग पोस्ट मे बताया है कि यह मालवेयर 'रशियन टोरेंटिंग वेबसाइट्स' से फैलना शुरू हुआ है।

डाटा

टारगेट सिस्टम से डाटा नहीं चुराता मालवेयर

मूवी में छुपी फाइल क्रिप्टोजैकिंग मालवेयर की है इसलिए यह टारगेट सिस्टम से कोई डाटा चुराने की कोशिश नहीं करता। हालांकि, इसकी वजह से PC का CPU यूजेस बढ़ जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए हो रहा होता है और इस तरह इलेक्ट्रिसिटी बिल जरूर बढ़ सकता है। रिसर्चर्स ने यह भी बताया है कि लंबे वक्त तक ऐसा होते रहने से इन्फेक्टेड डिवाइस स्लो हो सकता है।

चिंता

मालवेयर का पता लगाना आसान नहीं

रिसर्चर्स की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मालवेयर का पता लगाना आसान नहीं है। यह एक बार सिस्टम में पहुंचने के बाद विंडोज डिफेंडर से खुद को छुपा लेता है। इसके अलावा विक्टिम CPU पर ट्रैक ना की जा सकने वाली माइनिंग के लिए यह एक वॉचडॉग प्रोसेस इस्तेमाल करता है। यानी कि मालवेयर इसके नाम से जुड़े हर प्रोसेस को किल कर देता है, जिससे एक वक्त पर एक ही जगह कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल हो।

सावधानी

पाइरेटेड फाइल्स डाउनलोड ना करना ही बेहतर

रिसर्चर्स ने अनजान सोर्स से इस तरह का पाइरेटेड कंटेंट डाउनलोड ना करने की सलाह दी है। ब्लॉग में फाइल डाउनलोड करने से पहले उसका एक्सटेंशन चेक करने के लिए कहा गया है। ध्यान रहे, वीडियो या मूवी फाइल के आखिर में '.mp4' एक्सटेंशन होना चाहिए ना कि '.exe' और इन्हें डाउनलोड करने से पहले अच्छे से चेक कर लेना चाहिए। फिल्में आधिकारिक सोर्स से देखना और खरीदना ही सुरक्षित माना जाता है।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

टोरेंट सेवाओं का इस्तेमाल फाइल्स डाउनलोड करने के लिए करना अवैध नहीं है। हालांकि, किसी भी तरह की पाइरेसी के लिए इनका इस्तेमाल आपको सजा दिला सकता है और पाइरेसी अपराध की श्रेणी में आता है।