आज पृथ्वी पर आ सकता है शक्तिशाली सौर तूफान, जानिए क्या है खतरा
सूर्य के दक्षिणी हिस्से में मौजूद AR3386 सनस्पॉट में विस्फोट के कारण उत्पन्न हुआ कोरोनल मास इजेक्शन (CME) क्लाउड तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। अंतरिक्ष वेबसाइट स्पेस वेदर के अनुसार, यह CME क्लाउड आज पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकरा सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी नासा और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस टक्कर से पृथ्वी पर आज G1-श्रेणी का एक सौर तूफान आ सकता है।
सौर तूफान से क्या है खतरा?
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है। G1-श्रेणी का सौर तूफान हल्का और G5-श्रेणी का सौर तूफान सबसे शक्तिशाली होता है। सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर सकते हैं। अत्यधिक शक्तिशाली होने पर ये पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
नासा सूर्य पर मौजूद सनस्पॉट पर रखती है नजर
नासा अपने सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी (SOHO) सैटेलाइट के जरिये सूर्य पर मौजूद सनस्पॉट पर रखती है। इस सैटेलाइट को लिए 2 दिसंबर, 1995 को लॉन्च किया गया था। यह सूर्य, उसके वायुमंडल और सौरमंडल पर इसके प्रभावों का अध्ययन करने के लिए नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के बीच की एक संयुक्त परियोजना है। यह सूर्य के कोरोना की तस्वीरों को कैप्चर करता है और उसके वेग और चुंबकीय क्षेत्र को मापता है।