मंगल ग्रह पर पानी बहने से बनी हैं नालियां, वैज्ञानिकों को अध्ययन में मिले संकेत
क्या है खबर?
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने 2002 में मंगल ग्रह पर पहली बार नालियों की खोज की थी।
अब एक नए अध्ययन से पता चला है कि मंगल ग्रह पर नालियां तब बनी होंगी, जब ग्रह एक तरफ अत्यधिक झुका हुआ था।
ये पृथ्वी पर अंटार्कटिका की सूखी घाटियों में बनने वाले नालियों से काफी मिलते-जुलते हैं, जो पिघलते ग्लेशियरों के पानी से बनी होती हैं।
बता दें, किसी भी ग्रह का झुकाव उसकी जलवायु के निर्धारण में काफी अहम भूमिका निभाता है।
पानी
मंगल ग्रह पर पानी बहने का मिला संकेत
मंगल ग्रह की घाटियों में मौजूद नालियां यह संकेत देती है कि इस ग्रह पर भी पानी बहता था और शायद अभी भी कभी-कभी बहता है।
संभावना यह है कि ये नालियां अतीत में बनी थीं, जब मंगल की जलवायु मंगल की सतह पर थोड़ी मात्रा में तरल पानी के जीवित रहने के लिए अधिक अनुकूल थी।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये नालियां ग्लेशियरों से निकलने वाली पानी से बनी हैं, जो एक नहर का रूप ले लेती हैं।