
AI के कारण ऑनलाइन डेटिंग घोटाले बढ़े, जानें कैसे रहें सुरक्षित
क्या है खबर?
ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर AI-संचालित घोटालों में तेजी आई है।
मैक्एफी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 61 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वे AI चैटबॉट से भावनात्मक रूप से जुड़ सकते हैं।
51 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे या उनके जानने वाले किसी ऐसे बॉट से संपर्क कर चुके हैं जो असली इंसान होने का नाटक करता था। 70 प्रतिशत लोग ऑनलाइन मिले व्यक्ति को पैसे भेजने के लिए दबाव में आए।
नुकसान
आर्थिक नुकसान और भावनात्मक प्रभाव
ऑनलाइन रोमांस घोटालों में भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 32 प्रतिशत लोग अपनी खोई हुई रकम वापस नहीं पा सके। AI-जनरेटेड डीपफेक वीडियो और आवाजों के कारण 84 प्रतिशत भारतीयों का ऑनलाइन डेटिंग पर भरोसा कम हुआ है।
घोटालेबाज फर्जी सेलिब्रिटी बनकर भी लोगों को निशाना बना रहे हैं। 47 प्रतिशत लोगों ने पैसे गवाए, जबकि 48 प्रतिशत की निजी जानकारी चोरी हुई, जिससे पहचान की चोरी का खतरा बढ़ा।
खतरा
सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स पर खतरा
इंस्टाग्राम (85 प्रतिशत), व्हाट्सऐप (55 प्रतिशत) और टेलीग्राम (50 प्रतिशत) पर लोग नए संबंध बना रहे हैं, लेकिन यहां धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े हैं। डेटिंग ऐप्स में टिंडर (61 प्रतिशत) सबसे लोकप्रिय है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 77 प्रतिशत भारतीयों ने डेटिंग साइट्स या सोशल मीडिया पर AI द्वारा बनाए गए नकली प्रोफाइल देखे हैं।
कई घोटालेबाज VIP इवेंट पास, रोमांटिक वादे और महंगे उपहारों का लालच देकर लोगों को फंसाते हैं, जिससे कई लोग तनाव में आ जाते हैं।
उपाय
ऑनलाइन घोटालों से बचने के उपाय
ऑनलाइन घोटालों से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है।
किसी अज्ञात व्यक्ति से वित्तीय जानकारी साझा न करें और ऑनलाइन मिले लोगों को पैसे न भेजें। डेटिंग प्रोफाइल और सोशल मीडिया अकाउंट की प्रामाणिकता की जांच करें, खासकर अगर वे सेलिब्रिटी होने का दावा करते हैं।
डीपफेक और AI कंटेंट को पहचानने के लिए वीडियो और ऑडियो पर ध्यान दें। अगर बातचीत संदिग्ध लगे, तो उसकी रिपोर्ट करें। सुरक्षित और सतर्क रहकर ऐसे खतरों से बचा जा सकता है।