
वैज्ञानिकों को अब तक किन-किन ग्रहों पर मिले हैं पानी के संकेत?
क्या है खबर?
मनुष्य, जानवर और पेड़-पौधे सभी के जीवन के लिए पानी सबसे अहम तत्व माना जाता है।
यही कारण है कि जब वैज्ञानिक पृथ्वी से बाहर जीवन की तलाश करते हैं, तो सबसे पहले पानी के संकेत ढूंढते हैं।
अंतरिक्ष एजेंसियां और वैज्ञानिक वर्षों से इस खोज में लगे हैं कि किन-किन ग्रहों पर पानी मौजूद हो सकता है। अब तक कई जगहों पर इसके ठोस संकेत मिले हैं, जो भविष्य की खोज को दिशा दे रहे हैं।
मंगल
मंगल पर बर्फीले पानी के संकेत
मंगल ग्रह पर पानी की खोज सबसे चर्चित रही है।
नासा के मार्स एक्सप्रेस मिशन (2004) और मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (2006) ने सतह के नीचे जमी हुई बर्फ और सूखी झीलों जैसे संकेत दिए।
इसके अलावा, 2018 में यूरोपीय स्पेस एजेंसी के मार्स एक्सप्रेस ने यह बताया कि मंगल के दक्षिणी ध्रुव के नीचे तरल पानी की झील जैसी संरचना हो सकती है। इन सभी खोजों से मंगल पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि होती है।
यूरोपा और एन्सेलेडस
यूरोपा और एन्सेलेडस जैसे चंद्रमा पर महासागरों के संकेत
बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा पर नासा के गैलीलियो मिशन (1990s) और हबल टेलीस्कोप (2010) ने सतह के नीचे तरल महासागर के संकेत दिए।
यूरोपा पर जलीय वाष्प और ज्वालामुखी जैसी गतिविधियां दर्ज की गईं।
वहीं, यूरोपा के अतिरिक्त शनि के चंद्रमा एन्सेलेडस पर कैसिनी मिशन (2005-2017) ने बर्फीले सतह के नीचे नमकीन पानी के फव्वारे निकलते हुए देखे। इससे यहां भी पानी की बड़ी मात्रा मौजूद होने की संभावना है।
टाइटन और K2-18b
टाइटन और दूर के ग्रह K2-18b पर भी संकेत
शनि के ही एक अन्य चंद्रमा टाइटन पर कैसिनी-हायगेंस मिशन (2004-2017) ने झीलों, नदियों और समुद्रों की पुष्टि की।
हालांकि, ये तरल मीथेन और एथेन से बने हैं, लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि इसके नीचे पानी भी मौजूद हो सकता है। 2019 में नासा और हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से एक्सोप्लैनेट K2-18b पर पानी के वाष्प का संकेत मिला।
यह ग्रह हमारे सौरमंडल से बाहर स्थित है, जहां जीवन की संभावना को लेकर अध्ययन जारी है।