
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सेवानिवृत्त हुए 'गैया' टेलीस्कोप से क्या-क्या हुई खोज?
क्या है खबर?
यूरोप के गैया अंतरिक्ष टेलीस्कोप को 11 साल तक आकाशगंगा के रहस्यों को उजागर करने के बाद अब सेवानिवृत्त हो गया है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की टीम ने इसके इंजनों को अंतिम धक्का दिया, जिससे यह सूर्य के चारों ओर एक दूर की कक्षा में चला गया।
यह भविष्य में अन्य अंतरिक्ष अभियानों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। गैया ने अब तक 2 अरब तारों का अध्ययन किया और उसका डाटा आने वाले दशकों तक वैज्ञानिकों के लिए उपयोगी रहेगा।
लॉन्च
गैया टेलीस्कोप 2013 में हुआ था लॉन्च
गैया को 2013 में ESA द्वारा लॉन्च किया गया था और यह पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंज बिंदु-2 पर स्थित था।
इसकी विशेषता थी कि यह हमारी आकाशगंगा में तारों की सटीक स्थिति, गति और अन्य गुणों का विस्तृत मानचित्र बना सकता था।
इसने ब्रह्मांड को उच्च सटीकता के साथ मापा, जिससे वैज्ञानिकों को आकाशगंगा की संरचना को समझने में मदद मिली। जेम्स वेब और यूक्लिड जैसी नई दूरबीनों के आगमन से इसे हटाने का निर्णय लिया गया।
खोज
गैया की मदद से हुई महत्वपूर्ण खोजें
गैया ने आकाशगंगा के जन्म और विकास को समझने में अहम भूमिका निभाई।
इसने 50 से अधिक बौनी आकाशगंगाओं की पहचान की, जो मिल्की वे की परिक्रमा कर रही हैं। इसने 1.50 लाख एस्ट्रोयड और दर्जनों ब्लैक होल का भी पता लगाया।
इसके डाटा से वैज्ञानिकों ने पाया कि मिल्की वे ने 10 अरब साल पहले गैया-एन्सेलाडस नामक एक आकाशगंगा को निगल लिया था। इसने 12 अरब साल पुराने प्राचीन तारों की धाराओं की भी खोज की।
प्रभाव
गैया का वैज्ञानिक प्रभाव रहेगा जारी
गैया से प्राप्त डाटा का विश्लेषण अभी भी जारी है। वैज्ञानिक 2026 में तारों की नई सूची जारी करेंगे, जबकि अंतिम सूची 2030 तक आने की उम्मीद है।
खगोलविदों के अनुसार, गैया द्वारा किए गए अवलोकन कम से कम 30 से 40 वर्षों तक खगोल विज्ञान के लिए एक संदर्भ बने रहेंगे। कई वैज्ञानिक जो इसके डाटा से नई खोजें करेंगे, वे अभी प्राथमिक विद्यालय में हैं।
गैया भले ही निष्क्रिय हो गया, लेकिन इसका योगदान पीढ़ियों तक जारी रहेगा।