नासा ने लॉन्च किया एथेना मिशन, चांद पर की जाएगी पानी की खोज
क्या है खबर?
नासा ने आज (27 फरवरी) अपने एथेना मिशन को लॉन्च कर दिया है।
फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से इस मिशन को स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से भारतीय समयानुसार सुबह 05:47 बजे लॉन्च किया गया।
रॉकेट का पहला चरण सफलतापूर्वक धरती पर लौट आया। लॉन्च के लगभग 43.5 मिनट बाद एथेना को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया और इसके 4 मिनट बाद लूनर ट्रेलब्लेजर को भी छोड़ा गया।
मिशन
मिशन में क्या शामिल है?
एथेना लैंडर के साथ 2 खास रोबोट भेजे गए हैं, जिसमें पहला, MAPP रोवर, जो चंद्रमा पर 4G नेटवर्क की जांच करेगा और दूसरा, ग्रेस हॉपर, जो थ्रस्टर्स की मदद से कूदकर चंद्रमा की सतह को देखेगा।
इसके अलावा, PRIME-1 नामक उपकरण चंद्रमा की सतह से बर्फ और अन्य तत्वों के नमूने इकट्ठा करेगा। इसके साथ में लूनर ट्रेलब्लेज़र ऑर्बिटर चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए सतह पर पानी की मात्रा का नक्शा तैयार करेगा।
उद्देश्य
मिशन का उद्देश्य और फायद
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर पानी की तलाश करना है। अगर वहां पर्याप्त मात्रा में बर्फ मिली, तो उसे पीने के पानी, ईंधन और ऑक्सीजन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इससे भविष्य में इंसान चंद्रमा पर लंबे समय तक रह पाएंगे। यह मिशन नोकिया की 4G तकनीक की मदद से मोबाइल नेटवर्क, नई खोज तकनीकों और चंद्रमा पर संसाधनों के इस्तेमाल की संभावनाओं को भी परखेगा।
अवधि
10 दिन चंद्रमा पर काम करेगा यह मिशन
एथेना मिशन नासा के वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा (CLPS) कार्यक्रम का हिस्सा है। इसे अमेरिका की एक निजी कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स ने बनाया है, जिसने इससे पहले IM-1 मिशन भी भेजा था।
एथेना मिशन की कुल लागत 6.25 करोड़ डॉलर (लगभग 550 करोड़ रुपये) है। इस मिशन के साथ ओडिन और चिमेरा GEO 1 नामक अन्य यान भी भेजे गए हैं। एथेना लगभग 10 दिन तक चंद्रमा पर काम करेगा और जरूरी वैज्ञानिक आंकड़े जुटाएगा।