नासा ने ढूंढे 6 नए ग्रह, कुल संख्या हुई 5,500 के पार
क्या है खबर?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा और उसके साथ मिलकर काम करने वाले अंतरिक्ष वैज्ञानिक लगातार नए ग्रहों की खोज कर रहे हैं। नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने 6 नए एक्सोप्लैनेट की खोज की घोषणा की है, जिससे यह संख्या बढ़कर 5,502 हो गई।
करीब 3 दशक पहले नासा ने हमारे सौरमंडल से परे पहली बार किसी ग्रह की पुष्टि की थी और अब 3 दशक के सफर में ही अंतरिक्ष एजेंसी 5,500 से अधिक नए ग्रहों की खोज कर चुकी है।
पहला खोज
कब खोजा गया था पहला एक्सोप्लैनेट?
आज से लगभग 31 साल पहले 1992 में पहले एक्सोप्लैनेट की पुष्टि तब हुई थी, जब वैज्ञानिकों ने पल्सर PSR B1257+12 की परिक्रमा करते हुए जुड़वां ग्रहों पोल्टरजिस्ट और फोबेटर का पता लगाया था।
पिछले साल ही वैज्ञानिकों ने 5,000 एक्सोप्लैनेट की खोज का जश्न मनाया था।
वैज्ञानिकों ने 6 नए एक्सोप्लैनेट खोजे हैं, जिसमें HD 36384 b, TOI-198 b, TOI-2095 b, TOI-2095 c, TOI-4860 b और MWC 758 c शामिल हैं।
खोज
इन 6 एक्सोप्लैनेट की हुई खोज
खोजे गए नए एक्सोप्लैनेट में HD 36384 b एक सुपर-ज्यूपिटर है जो एक विशाल M विशाल तारे की परिक्रमा करता है, जो हमारे सूर्य के आकार से लगभग 40 गुना बड़ा है।
TOI-198 b संभावित चट्टानी ग्रह है।
TOI-2095 b और TOI-2095 c दोनों बड़े, गर्म सुपर-अर्थ हैं जो एक ही प्रणाली में एक M बौने तारे के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
TOI-4860 b बृहस्पति के आकार का एक्सोप्लैनेट है।
MWC 758 c एक विशाल प्रोटोप्लैनेट है।
एक्सोप्लैनेट
क्या होते हैं एक्सोप्लैनेट?
एक्सोप्लैनेट ऐसे ग्रह को कहा जाता है जो हमारे सौर मंडल के बाहर तारों की परिक्रमा करते हैं।
ये आकार, संरचना और कक्षा में अलग-अलग होते हैं। कुछ गैस के तो कुछ बर्फ के बने होते हैं। पृथ्वी जैसे एक्सोप्लैनेट को सुपर-अर्थ कहा जाता है।
हमारे सौर मंडल के ग्रहों के विपरीत, एक्सोप्लैनेट का वातावरण बहुत अलग हो सकता है।
एक्सोप्लैनेट का अध्ययन ग्रह प्रणालियों और पृथ्वी के बाहर जीवन की संभावना के बारे में हमारी समझ व्यापक बनाता है।