नासा अंतरिक्ष में तैनात करेगी नकली तारा, जानें क्यों
नासा एक आर्टिफिशियल तारा (नकली तारा) बनाने की योजना पर काम कर रही है, जिसे अंतरिक्ष में तैनात किया जाएगा। लैंडोल्ट नामक इस मिशन में टोस्टर के आकार का एक उपकरण शामिल है, जो 8 लेजरों से लैस है। इस उपकरण का काम पृथ्वी पर उपकरणों की ओर लेजर किरणों को भेजकर तारों और अन्य खगोलीय पिंडों की नकल करना है। नासा इस मिशन के लिए 1.95 करोड़ डॉलर (लगभग 163 करोड़ रुपये) खर्च कर रही है।
कब तक लॉन्च होगा आर्टिफिशियल तारा?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आर्टिफिशियल तारा के लॉन्च तिथि के बारे में फिलहाल कोई सटीक जानकारी नहीं दी है। हालांकि, आर्टिफिशियल तारे को अंतरिक्ष में ले जाने वाला यान कथित तौर पर 2029 में लॉन्च किया जाएगा। यह 22,236 मील की भूस्थिर ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करेगा, जिससे यह ग्रह की सतह पर एक बिंदु पर स्थिर रह सकेगा। इस मिशन का नाम दिवंगत खगोलशास्त्री अरलो लैंडोल्ट के सम्मान में रखा गया है।
नासा क्यों बना रही आर्टिफिशियल तारा?
लैंडोल्ट मिशन का उद्देश्य ब्रह्मांड के विस्तार के बारे में हमारी समझ को बढ़ाना है। दूर के तारों की चमक का अध्ययन करके, शोधकर्ताओं को डार्क एनर्जी के बारे में जानकारी प्राप्त करने की उम्मीद है। दूर के तारों की चमक से इसकी ज्ञात चमक की तुलना करके, वैज्ञानिक तारकीय चमक की नई, अधिक सटीक सूची विकसित कर सकते हैं। यह आर्टिफिशियल तारा नग्न आंखों से दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसे दूरबीन से देखा जा सकेगा।