सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय बना रहा सिस्टम, डीपफेक कंटेंट और GST चोरी का लगाया जा सकेगा पता
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) डीपफेक वीडियो और तस्वीरों का पता लगाने के लिए एक नया सिस्टम विकसित कर रहा है। मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2023-2024 के अनुसार, यह सिस्टम हैदराबाद और कोलकाता में MeitY के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) में डिजाइन किया जा रहा है। इस कदम का उद्देश्य डीपफेक वीडियो और तस्वीरों की पहचान और उनके प्रभावों को समझने और उनके प्रसार को रोकने में मदद करना है।
डेस्कटॉप एप्लिकेशन बनकर तैयार
नई रिपोर्ट में बताया गया है कि एक डेस्कटॉप एप्लिकेशन तैयार किया गया है, जो डीपफेक वीडियो और तस्वीरों की पहचान करता है। इसका शुरुआती वर्जन कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया गया है। डीपफेक भारत में एक गंभीर खतरा बन गए हैं, खासकर सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में यूजर्स के कारण। ये गलत जानकारी फैलाने की क्षमता रखते हैं, जिससे जनता की राय और चुनावों पर गंभीर असर पड़ सकता है।
मंत्रालय इन नई परियोजनाओं पर भी दे रहा ध्यान
IIT-हैदराबाद के साथ GST चोरी का पता लगाने के लिए एक सॉफ्टवेयर बना रहा है। यह सॉफ्टवेयर GST में नकली चालान व्यापारियों और संभावित रिटर्न डिफॉल्टरों की पहचान करने में मदद करेगा। इसके अलावा, मंत्रालय ने IIT-जोधपुर और AIIMS जोधपुर में एक शोध परियोजना शुरू की है, जो AI-आधारित रोगी प्रतिक्रिया प्रणाली पर काम कर रही है। IIT खड़गपुर के साथ, MeitY मिट्टी और जल प्रबंधन के लिए AI तकनीक विकसित कर रहा है।