मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बोले- फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग पर नजर रखेगी राज्य सरकार
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश सरकार अब राज्य की पवित्र और ऐतिहासिक जगहों पर शूट होने वाली फिल्मों और धारावाहिकों के दृश्यों और कंटेट पर नजर रखेगी। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह बात कही है।
उन्होंने कहा, "हमने जिलाधिकारियों को मध्य प्रदेश की पवित्र और ऐतिहासिक इमारतों में फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग करने का आदेश दे दिए हैं।"
एक और अधिकारी ने कहा कि जल्द ही इस संबंध में नियम तय किए जाएंगे।
पृष्ठभूमि
'ए सूटेबल बॉय' के सीन पर मचे विवाद के बाद लिया गया फैसला
राज्य सरकार ने यह फैसला नेटफ्लिक्स की एक वेब सीरीज 'ए सूटेबल बॉय' के एक किसिंग सीन पर हुए बवाल के बाद लिया है।
यह सीन खरगौन जिले के महेश्वर मंदिर में फिल्माया गया था। इस सीन को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद जारी है।
इसे लेकर रीवा जिले में नेटफ्लिक्स के दो अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है।
बयान
नियमों के उल्लंघन पर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर होंगे जिम्मेदार- मिश्रा
राज्य सरकार के नए कदम के बारे में जानकारी देते हुए गृह मंत्री मिश्रा ने कहा, "पवित्र स्थानों पर अश्लील दृश्य नहीं फिल्माये जा सकते। अधिकारियों की एक टीम दृश्यों और कंटेट की जांच करेगी। अगर कहीं नियमों का उल्लंघन या गलती पाई जाती है तो इसके लिए डायरेक्टर और प्रोड्यूसर को जिम्मेदार माना जाएगा। इसके बाद जिला प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।"
इस संबंध में जल्द ही नए नियमों का ऐलान हो सकता है।
बयान
शूटिंग के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे- अधिकारी
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कंटेट और दृश्यों की जांच के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे। मध्य प्रदेश में शूटिंग के दौरान संबंधित पक्षों को इन नियमों का पालन करना होगा।
विरोध
नियमों के विरोध में भी उठ रहीं आवाजें
हालांकि, पर्यटन के क्षेत्र से जुड़े लोग ऐसे फैसले के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसे नियमों के मनोरंजन जगत मध्य प्रदेश से दूर चला जाएगा।
एक पर्यटन कंपनी के मालिक अक्षय हुंका कहते हैं, "हम ऐसे दृश्यों के पक्ष में नहीं है, जो किसी भी प्रकार की भावनाओं को आहत करें, लेकिन ऐसे नियमों के कारण डायरेक्टर और प्रोड्यूसर शूटिंग के लिए मध्य प्रदेश को नहीं चुनेंगे।"
बयान
विपक्ष ने इस फैसले को लेकर क्या कहा?
कांग्रेस ने कुछ ऐहतियातों के साथ इस फैसले का स्वागत किया है। पार्टी प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा, "नियम बनाना अच्छा कदम है, लेकिन यह अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ नहीं होना चाहिए। ऐसी चीजों पर नजर रखने की आड़ में सरकार मोरल पुलिसिंग करेगी।"
जानकारी
सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन आए OTT प्लेटफॉर्म
इससे पहले इसी महीने केंद्र सरकार ने ऑनलाइन न्यूज पोर्टल और नेटफ्लिक्स जैसे कंटेट प्रोवाइडर्स को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन लाने का फैसला किया था।
अभी तक देश में डिजिटल कंटेट से जुड़े कोई नियम नहीं है और न ही कोई स्वायत्त संस्था इनकी निगरानी करती है।
सितंबर में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक दूसरे मामले की सुनवाई के दौरान इन प्लेटफॉर्म पर नियमन की वकालत की थी।