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2024 में टूटे जलवायु के कई रिकॉर्ड, हुईं कई चरम मौसम की घटनाएं 
2024 में टूटे जलवायु के कई रिकॉर्ड (तस्वीर: पिक्साबे)

2024 में टूटे जलवायु के कई रिकॉर्ड, हुईं कई चरम मौसम की घटनाएं 

Jan 01, 2025
10:03 am

क्या है खबर?

पृथ्वी की जलवायु के लिए साल 2024 काफी चुनौतीपूर्ण रहा, जिसमें रिकॉर्ड तापमान और चरम मौसम की घटनाएं भी शामिल हैं। 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा, जिसमें औद्योगिक काल से तापमान 1.5°C अधिक हो गया। कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने इसे इंस्ट्रूमेंट रिकॉर्ड शुरू होने के बाद का सबसे गर्म साल बताया। पेरिस समझौते का 1.5°C लक्ष्य पहली बार पार हुआ, जो जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों का संकेत है।

घटनाएं

चरम मौसम की घटनाएं

2024 में चरम गर्मी और तूफान ने बड़े पैमाने पर प्रभाव डाला। अमेरिका में रिकॉर्ड गर्मी ने कई शहरों को दशकों में सबसे अधिक तापमान का सामना कराया। अटलांटिक तूफान का मौसम औसत से अधिक सक्रिय रहा, जिसमें 18 नामित तूफान आए। तूफान 'हेलेन', फ्लोरिडा में 2005 के 'कैटरीना' के बाद सबसे घातक साबित हुआ। वहीं पश्चिमी कनाडा में जंगल की आग ने व्यापक विनाश किया, जो पिछले साल के रिकॉर्ड को लगभग छू गई, जिसका प्रभाव सालों तक रहेगा।

सूखा और आग

अमेजन में सूखा और आग

अमेजन बेसिन ने 2024 में इतिहास का सबसे बुरा सूखा झेला। नदियां रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गईं, जिससे कई समुदाय पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जंगल की आग, सूखे और अवैध कटाई के कारण ब्राजील में 70 वर्षों की सबसे भीषण आग ने इटली के आकार के क्षेत्र को झुलसा दिया। यह जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों का परिणाम है। विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल अब खुद आग का प्रतिरोध करने में सक्षम नहीं हैं।

खतरा

आर्कटिक में बढ़ता खतरा

आर्कटिक टुंड्रा में जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभाव दिखे। 1900 के बाद से यह दूसरा सबसे गर्म वर्ष रहा। पर्माफ्रॉस्ट पिघलने से क्षेत्र अब कार्बन सोखने के बजाय छोड़ने लगा है। इस प्रक्रिया से ग्रीनहाउस गैसें, जैसे कार्बन और मीथेन, वायुमंडल में बढ़ रही हैं। समुद्री बर्फ का स्तर 45 साल में छठे सबसे कम स्तर पर पहुंचा। वैज्ञानिकों ने इसे जीवाश्म ईंधन प्रदूषण को कम करने में देरी का नतीजा बताया, जो बदलते आर्कटिक पर्यावरण का संकेत है।

समाधान

वैज्ञानिक चेतावनी और समाधान

वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कुछ प्रभावों को अभी भी रोका जा सकता है। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करके, तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है। समुद्री बर्फ का पिघलना और तीव्र गर्मी की लहरें सीमित की जा सकती हैं, लेकिन यह सब राजनीतिक और सामाजिक इच्छाशक्ति पर निर्भर है। विशेषज्ञों ने कहा कि समाधान भौतिक या तकनीकी बाधाओं से नहीं रुक रहे हैं। तत्काल कार्रवाई से तापमान वृद्धि को 1.5°C तक सीमित करना संभव है।

भविष्य

जलवायु शिखर सम्मेलन और भविष्य

अजरबैजान में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में 2035 तक विकासशील देशों की मदद के लिए लगभग 25,700 अरब रुपये का वादा किया गया। इसका उद्देश्य इन देशों को जीवाश्म ईंधन से दूर जाकर टिकाऊ बुनियादी ढांचा बनाने में सहायता करना है। हालांकि, इस योजना की आलोचना भी हुई, इसे 'अव्यवस्थित और प्रतीकात्मक' बताया गया। ब्राजील के अमेजन में अगले जलवायु शिखर सम्मेलन की तैयारी जारी है, जहां आने वाले दशक के लिए जलवायु क्रियाओं की विस्तृत योजना बनाई जाएगी।