सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को पेड कंटेंट पर ऐड करने होंगे लेबल्स, आईं नई गाइडलाइन्स
एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) की ओर से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट अपलोड करने वाले इन इन्फ्लुएंसर्स को साफ करना होगा कि वे किस प्रोडक्ट्स का प्रमोशन कर रहे हैं। नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, इन्फ्लुएंसर्स के लिए कोई पेड एडवर्टाइजमेंट करने की स्थिति में डिस्क्लोजर लेबल ऐड करना अनिवार्य होगा। इस तरह यूजर्स को प्रमोटेड कंटेट और सामान्य पोस्ट का फर्क पता चल सकेगा।
जून के दूसरे सप्ताह से लागू होंगे नियम
नई गाइडलाइन्स 14 जून, 2021 से लागू होंगी और इनमें साफ कहा गया है कि प्रमोट किए जा रहे प्रोडक्ट्स के बारे में इन्फ्लुएंसर्स साफ जानकारी दें, जिससे ग्राहकों को इस बारे में पता चल सके। ASCI चेयरमैन सुभाष कामथ ने कहा कि जब लोग टीवी देखते हैं या अखबार पढ़ते हैं तो वे आसानी से प्रोग्राम या कंटेंट और विज्ञापन के बीच का फर्क समझ पाते हैं और वहां उन्हें किसी तरह के भ्रम का सामना नहीं करना पड़ता।
इतनी देर तक दिखाना होगा लेबल
नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, वीडियो में कोई स्पॉन्सर्ड कंटेंट दिखाया गया है तो डिस्क्लोजर लेबल कम से कम तीन सेकेंड्स के लिए दिखना चाहिए। वहीं, दो मिनट से ज्यादा लंबे वीडियो में डिस्क्लोजर लेबल उस पूरे सेक्शन में दिखना चाहिए, जितनी देर प्रोडक्ट को प्रमोट किया जा रहा हो। ऑडियो पोस्ट्स के लिए डिस्क्लोजर प्रमोशनल हिस्सा शुरू होने से पहले और बाद में सुनाई पड़ना चाहिए। ASCI ने इससे जुड़ी जानकारी देने के लिए डिजिटल डोमेन ASCI.social लॉन्च किया है।
फरवरी में आया था गाइडलाइन्स का ड्राफ्ट
ASCI ने इनफ्लुएंसर्स से सोशल मीडिया पर किसी प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट करने से पहले उसे रिव्यू करने को कहा है। गाइडलाइन्स में कहा गया है कि स्पॉन्सर्ड वीडियो या पोस्ट में दिखाए गए प्रोडक्ट के बारे में कोई झूठा दावा विज्ञापन का हिस्सा नहीं होना चाहिए। नई गाइडलाइन्स का ड्राफ्ट फरवरी में जारी किया गया था और सभी स्टेकहोल्डर्स, एडवर्टाइजर्स, एजेंसियों, इनफ्लुएंसर्स और ग्राहकों से इसपर फीडबैक मांगा गया था।
पारदर्शिता बनाए रखना आसान नहीं
मार्केटिंग स्पेस तेजी से बदल रहा है और इनफ्लुएंसर्स पहले के मुकाबले ज्यादा मेनस्ट्रीम हो गए हैं और ज्यादा यूजर्स तक पहुंच रहे हैं। कंपनियां उन्हें पैसे देकर अपने प्रोडक्ट या सेवा का प्रचार तो करवाती हैं लेकिन कई बार आम यूजर्स के लिए यह समझना मुश्किल होता है कि इनफ्लुएंसर्स की ओर से दिखाए जा रहे प्रोडक्ट के बदले उसे भुगतान किया गया है और यह एक तरह का विज्ञापन है। ASCI यह पारदर्शिता बनाए रखना चाहती है।
पोस्ट की शुरुआत में डिस्क्लोजर लेबल
गाइडलाइन्स में कहा गया है कि सभी इन्फ्लुएंसर्स को प्रमोशनल पोस्ट की पहली दो लाइनों में ही साफ करना होगा कि पोस्ट का उद्देश्य किसी प्रोडक्ट या सेवा का प्रचार करना है और इन्फ्लुएंसर्स को बदले में भुगतान किया गया है।