तथ्य और मजाक में समझ आए फर्क, इसलिए पोस्ट्स पर लेबल्स दिखाएगी फेसबुक
क्या है खबर?
लोकप्रिय सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अपने यूजर्स को मजाक और तथ्यों के बीच फर्क समझाना चाहती है।
फेसबुक की कोशिश है कि प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जाने वाले पोस्ट्स को लेकर यूजर्स में भ्रम की स्थिति ना बने।
ऐसा करने के लिए कंपनी न्यूज फीड में दिखने वाले पोस्ट्स के साथ छोटे लेबल्स दिखाने से जुड़ा फीचर टेस्ट कर रही है।
शुरू में ये लेबल्स पेजेस की ओर से किए गए पोस्ट्स में ऐड किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट
अमेरिका में शुरू हो गई टेस्टिंग
The Verge की रिपोर्ट के मुताबिक, पेजेस की ओर से किए जाने वाले पोस्ट्स के साथ 'पब्लिक ऑफीशियल', 'फैन पेज' या 'व्यंग्य पेज' जैसे लेबल्स दिखाए जाएंगे।
इस तरह पेज की पहचान करना आसान हो जाएगा और समझा जा सकेगा कि पोस्ट की गई जानकारी किसी तरह का मजाक या व्यंग्य तो नहीं है।
कंपनी ने कहा है कि इन लेबल्स की टेस्टिंग अमेरिका में पहले ही शुरू कर दी गई है और इन्हें ज्यादा पोस्ट्स का हिस्सा बनाया जाएगा।
वजह
फेसबुक ने नहीं बताई लेबल ऐड करने की वजह
कंपनी ने आधिकारिक रूप से नहीं बताया है कि यह पोस्ट्स में लेबल्स क्यों ऐड कर रही है, हालांकि इनके साथ यूजर्स का एक्सपीरियंस बेहतर होना तय है।
उदाहरण के लिए अगर कोई यूजर मजाकिया या व्यंग्यात्मक आर्टिकल फेसबुक पर देखता है, तो लेबल के साथ उसे जानकारी मिल जाएगी कि आर्टिकल तथ्यात्मक नहीं है।
ऐसे लेबल ना दिखने की स्थिति में कुछ यूजर्स आर्टिकल को तथ्य समझ सकते हैं और भ्रामक स्थिति पैदा हो सकती है।
फेक न्यूज
अफवाहें और फेक न्यूज रोकने की कोशिश
सोशल मीडिया साइट लंबे वक्त से प्लेटफॉर्म से अफवाहें और फेक न्यूज कम करने पर काम कर रही है और कई फीचर्स लेकर आई है।
फेसबुक का मानना है कि बेशक क्रिएटर्स मजाकिया लहजे में कोई पोस्ट शेयर करें और उनका मकसद फेक न्यूज फैलाना ना हो, कई यूजर्स भ्रम की स्थिति में आ सकते हैं।
पहले भी देखने को मिल चुका है कि कई बड़े नाम मजाकिया स्टोरीज और आर्टिकल्स को सच मानकर शेयर कर चुके हैं।
लेबल्स
कोविड और जलवायु परिवर्तन से जुड़े लेबल्स भी
कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ा कोई झूठ फेसबुक पर ना फैले इसके लिए यूजर्स को कोरोना से जुड़ी सभी गंभीर और मजाकिया तक पोस्ट्स के साथ लेबल्स दिखाने का फैसला किया है।
इस लेबल पर टैप करने वालों को कोविड-19 इन्फॉर्मेशन सेंटर के पेज पर भेज दिया जाएगा और सटीक जानकारी मिलेगी।
इसी तरह जलवायु परिवर्तन से जुड़ी पोस्ट्स पर टैप करने वाले यूजर्स को फेसबुक के क्लाइमेट साइंस इन्फॉर्मेशन सेंटर पेज पर भेज दिया जाएगा।