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    अंतरिक्ष टेलीस्कोप और पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोप में क्या अंतर है?
    अंतरिक्ष टेलीस्कोप और पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोप एक दूसरे से अलग होते हैं (तस्वीर: नासा)

    अंतरिक्ष टेलीस्कोप और पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोप में क्या अंतर है?

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Nov 03, 2024
    12:36 pm

    क्या है खबर?

    नासा समेत दुनिया की कई अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए अपने कई टेलीस्कोप को तैनात कर चुकी हैं।

    इनमें से कुछ टेलीस्कोप पृथ्वी पर मौजूद हैं, तो कुछ पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर अंतरिक्ष में तैनात हैं और वहां से महत्वपूर्ण डाटा को पृथ्वी पर भेज रहे हैं।

    आइए जानते हैं अंतरिक्ष टेलीस्कोप और पृथ्वी पर मौजूद टेलिस्कोप के बीच महत्वपूर्ण अंतर कौन-कौन से होते हैं।

    स्थान

    इनके स्थान में ही है सबसे प्रमुख अंतर

    अंतरिक्ष टेलीस्कोप पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर स्थित होते हैं, जैसे हबल टेलीस्कोप, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में है। वायुमंडल के बाहर होने के कारण, इन पर वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

    पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोप धरती की सतह पर होते हैं और आमतौर पर ऊंचे स्थानों पर, जैसे पर्वतों पर स्थापित किए जाते हैं। इससे प्रदूषण और वायुमंडलीय अवरोध कम होता है। चिली और हवाई में कई प्रसिद्ध टेलीस्कोप्स हैं।

    वायुमंडलीय प्रभाव

    वायुमंडलीय प्रभाव भी होता है दोनों पर अलग

    अंतरिक्ष टेलीस्कोप वायुमंडल से बाहर होने के कारण पृथ्वी के वातावरण से होने वाली समस्याओं का सामना नहीं करते। इससे उन्हें साफ और उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें कैप्चर करने की क्षमता मिलती है, जिससे वे तारों और आकाशगंगाओं को बिना अवरोध के देख सकते हैं।

    वहीं, पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोप वातावरण से प्रभावित होते हैं। वायुमंडल की परतें प्रकाश को बिखेरती हैं, जिससे धुंधलापन आता है और मौसम की स्थिति तस्वीरों की गुणवत्ता को कम कर देती है।

    कवरेज

    स्पेक्ट्रम कवरेज में होता है यह अंतर

    अंतरिक्ष टेलीस्कोप केवल दृश्य प्रकाश नहीं, बल्कि पराबैंगनी, अवरक्त और एक्स-रे जैसी तरंगों को देख सकते हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा अवशोषित हो जाती हैं। हबल और जेम्स वेब टेलीस्कोप पराबैंगनी विकिरण का अध्ययन करते हैं।

    पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोप मुख्य रूप से दृश्य प्रकाश पर ध्यान केंद्रित करते हैं। कुछ रेडियो टेलीस्कोप ऐसे होते हैं जो वायुमंडल से गुजरने वाली तरंगों का उपयोग करते हैं, लेकिन उच्च ऊर्जा तरंगों का देखना कठिन होता है।

    लागत

    रखरखाव और लागत भी है अलग

    अंतरिक्ष टेलीस्कोप का रखरखाव और मरम्मत करना कठिन और महंगा होता है।

    उदाहरण के लिए, हबल टेलीस्कोप की मरम्मत के लिए नासा ने अंतरिक्ष यात्री भेजे थे। इसके विपरीत, पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोप का रखरखाव आसान होता है। वैज्ञानिक आसानी से इन्हें जांच और सुधार सकते हैं।

    लागत के मामले में अंतरिक्ष टेलीस्कोप का निर्माण और लॉन्च महंगा होता है, जबकि पृथ्वी पर स्थित टेलीस्कोप सस्ते होते हैं। हालांकि, बड़े टेलीस्कोप महंगे भी हो सकते हैं।

     उपयोग 

    दोनों का उपयोग भी है थोड़ा अलग 

    अंतरिक्ष टेलीस्कोप का इस्तेमाल ब्रह्मांड की गहरी जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ये तारों के निर्माण और आकाशगंगाओं की उत्पत्ति जैसे खगोलीय घटनाओं का अवलोकन करते हैं। ये दूर के खगोलीय पिंडों को देखने में मदद करते हैं, जिन्हें पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता।

    पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोप हमारे सौरमंडल के ग्रहों और तारों का अवलोकन करते हैं, लेकिन ये वायुमंडलीय बाधाओं के कारण ब्रह्मांड के बड़े हिस्सों की सीमित जानकारी देते हैं।

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