क्या है ESA के लूनर नेटवर्क 'मूनलाइट' का उद्देश्य, जिसे कल किया गया लॉन्च?
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने बीते दिन (15 अक्टूबर) को 'मूनलाइट' कार्यक्रम लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य चंद्रमा के चारों ओर सैटेलाइट का एक नेटवर्क बनाना है, जो चंद्रमा पर नेविगेशन और संचार सेवाएं देगा। मूनलाइट का चंद्र संचार और नेविगेशन सेवा (LCNS) कार्यक्रम चंद्रमा की खोज के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा। यह सिस्टम अंतरिक्ष में चंद्रमा की सतह पर रोवर और अंतरिक्ष यान की सटीक लैंडिंग और संचालन को आसान और सस्ता बनाएगा।
मूनलाइट कार्यक्रम के तहत 5 सैटेलाइट होंगे तैनात
मूनलाइट कार्यक्रम के तहत 5 सैटेलाइट चंद्रमा पर संचार और नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेंगे। 4 सैटेलाइट नेविगेशन के लिए और 1 संचार के लिए होंगे, जो पृथ्वी से 3 ग्राउंड स्टेशनों द्वारा जुड़े रहेंगे। 2026 में लूनर पाथफाइंडर सैटेलाइट के लॉन्च के साथ मूनलाइट शुरू होगा और 2030 तक पूरी तरह कार्यशील हो जाएगा। ESA, नासा और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मूनलाइट चंद्रमा के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो।
चंद्र अर्थव्यवस्था को विकसित करने में मिलेगी मदद
यह कार्यक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ध्यान केंद्रित करेगी, जहां बर्फ और सौर ऊर्जा के स्रोत मौजूद हैं, जो ऑक्सीजन, पानी और रॉकेट ईंधन के लिए जरूरी हैं। ESA ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री कांग्रेस के दौरान इसे औपचारिक रूप से पेश किया। मूनलाइट का उद्देश्य चंद्रमा पर स्थिर और सुरक्षित उपस्थिति बनाना है। यूनाइटेड किंगडम (UK) और इटली ने इस पहल में निवेश कर अपनी प्रतिबद्धता जताई, जो भविष्य की चंद्र अर्थव्यवस्था को विकसित करने में मदद करेगी।
क्या है मूनलाइट कार्यक्रम का उद्देश्य?
स्थिर संचार: चंद्रमा की सतह पर और उसकी कक्षा में काम करने वाले अंतरिक्ष यान, लैंडर, रोवर और अन्य मिशन एक-दूसरे के साथ आसानी से और स्थिरता से संवाद कर सकें। इससे अलग-अलग देशों और संगठनों के चंद्र अभियानों में तालमेल बढ़ेगा। नेविगेशन सहायता: यह प्रणाली चंद्रमा की सतह पर चलने वाले मिशनों को सटीक नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे वे अपने स्थान और गंतव्य को आसानी से ट्रैक कर सकें। इससे रोवर की गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकेगा।
अन्य उद्देश्य
मिशन लागत में कमी: इस नेटवर्क का उपयोग करने से चंद्रमा पर आने वाले मिशनों के लिए व्यक्तिगत संचार और नेविगेशन उपकरण की जरूरत कम हो जाएगी, जिससे मिशन की कुल लागत घटेगी और मिशनों को बेहतर और सुरक्षित रूप से संचालित किया जा सकेगा। अंतरराष्ट्रीय सहयोग: लूनर नेटवर्क चंद्रमा पर विभिन्न देशों और संगठनों के मिशनों को एक साथ काम करने की सुविधा देगा। यह एक साझा इंफ्रास्ट्रक्चर होगा, जो एक वैश्विक चंद्र अभियान को संभव बनाएगा।