
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आएंगे भारत, टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के बीच कितना अहम है दौरा?
क्या है खबर?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के अंत तक भारत दौरे पर आ सकते हैं। रूस दौरे पर गए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। फरवरी, 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद पुतिन की यह पहली भारत यात्रा होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के बीच ये दौरा अहम है। आइए इसकी अहमियत जानते हैं।
अहमियत
कितना अहम है दौरा?
ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ की पृष्ठभूमि में इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाने के पीछे रूस से कच्चे तेल के आयात को सबसे बड़ी वजह बताया है। उन्होंने इसी वजह से भारत पर टैरिफ दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है। भारत और रूस समेत चीन ने भी इसका विरोध किया है। भारत ने कहा है कि वे अपने राष्ट्रीय हितों को देखते हुए ऊर्जा जरूरतों पर फैसले लेगा।
मुलाकात
आखिरी बार कब भारत आए थे पुतिन?
राष्ट्रपति पुतिन ने 6 दिसंबर, 2021 को भारत की यात्रा की थी। तब वे सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत आए थे। वहीं, पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 बार रूस गए थे। पहली बार जुलाई में मास्को में 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने गए थे। यहां प्रधानमंत्री ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था। दूसरी बार अक्टूबर में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री रूस गए थे।
ICC
ICC ने पुतिन के खिलाफ जारी किया है गिरफ्तारी वारंट
2023 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यूक्रेन युद्ध में बच्चों के अपहरण और अन्य युद्ध अपराधों के आरोप में ये वारंट जारी किया गया था। माना जाता है कि इसके बाद पुतिन ने विदेशी दौरे कम कर दिए हैं। खासतौर से वे उन देशों में नहीं जाते हैं, जो ICC के सदस्य हैं। हालांकि, भारत ने ICC संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
संबंध
भारत-रूस के बीच कई क्षेत्रों में अहम साझेदारी
भारत-रूस के बीच रक्षा, व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति समेत कई क्षेत्रों में बेहद गहरे संबंध हैं। आजादी के बाद से ही रूस भारत का अहम सहयोगी रहा है। भारत रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है। दोनों देशों में व्यापार वित्त वर्ष 2024-25 में 68.7 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। भारत रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली, T-90 टैंक, सुखोई विमान, मिग-29 और कामोव हेलीकॉप्टर समेत कई रक्षा उपकरण खरीदता है।