गूगल ने रोलआउट किया नया क्रोम वर्जन, हैकिंग से बचने के लिए तुरंत करें अपडेट

गूगल की ओर से इसके क्रोम इंटरनेट ब्राउजर के लिए नया इमरजेंसी अपडेट पिछले सप्ताह रोलआउट किया गया है। अगर आप भी गूगल क्रोम इस्तेमाल करने वालों में से हैं तो ब्राउजर को फौरन लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करना चाहिए। दरअसल, क्रोम ब्राउजर वर्जन 99 को दिए गए अपडेट के साथ कंपनी ने कई खामियां फिक्स की हैं, जिनकी मदद से यूजर्स को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। हैकिंग के खतरे से बचना चाहते हैं तो तुरंत ब्राउजर अपडेट करें।
गूगल क्रोम में मौजूद खामियों के बारे में भारत सरकार की एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने भी चेतावनी दी है। इंटरनेट यूजर्स को हाई-रिस्क वाली चेतावनी देते हुए कहा गया था कि उन्हें गूगल क्रोम वर्जन 99.0.4844.84 पर फौरन अपडेट कर लेना चाहिए। अपनी एडवाइजरी में CERT-In ने कहा था कि गूगल क्रोम में मिली खामी के चलते रिमोट अटैकर टारगेट सिस्टम में आर्बिटरेरी कोड नर कर सकते हैं और इसका फायदा उठा सकते हैं।
अपनी एडवाइजरी में CERT-In ने कहा, "यह खामी गूगल क्रोम में एक टाइप कन्फ्यूजन एरर की वजह से मौजूद थी, जो ब्राउजर के V8 जावास्क्रिप्ट इंजन का हिस्सा बना था। कोई रिमोट अटैकर इसका फायदा उठाते हुए खास तरह से तैयार किए गए वेबपेज के साथ किसी सिस्टम को हैकिंग का शिकार बना सकता है।" ब्राउजर अपडेट ना करने की स्थिति में मौजूदा खामियों के साथ सिस्टम का पूरा नियंत्रण किसी हैकर को मिलने का खतरा है।
गूगल ने अपने स्टेबल चैनल पर नया अपडेट क्रोम वर्जन 99.0.4844.84 विंडोज, मैक और लाइन्स रोलआउट कर दिया है। यह अपडेट 25 मार्च से यूजर्स को मिलना शुरू हो गया है। अपडेट करने के लिए क्रोम में दाईं ओर सबसे ऊपर दिख रहे मेन्यू में जाकर 'मोर' विकल्प पर क्लिक करें। अब स्क्रीन पर दिख रहा 'हेल्प' ऑप्शन चुनें और यहां 'अबाउट क्रोम' सेक्शन में जाएं। इसके बाद आपको अपडेट गूगल क्रोम पर क्लिक कर ब्राउजर को रीलॉन्च करना होगा।
क्रोम इंटरनेट ब्राउजर के लिए कभी भी अनजान वेबसाइट से 'अपडेट पैकेज' डाउनलोड ना करें। दरअसल, मालिशियस वेबसाइट्स ढेरों इंटरनेट यूजर्स को ब्राउजर अपडेट का विकल्प दिखाकर निशाना बना रही हैं और डाटा एनक्रिप्ट कर रही हैं। हैकर्स फेक वेबपेजेस की मदद लेते हैं, जो गूगल क्रोम या माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर को नया अपडेट देने का दावा करते हैं। एक बार 'अपडेट क्रोम' बटन पर क्लिक करते ही पेज खतरनाक रैंसमवेयर डिवाइस में इंस्टॉल कर देता है।
गूगल क्रोम, मोजिला फायरफॉक्स और माइक्रोसॉफ्ट एज जैसे ब्राउजर्स में स्मार्ट अपडेट फीचर मिलता है और ये बैकग्राउंड में अपने आप लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट हो जाते हैं। इस तरह यूजर्स को मैन्युअल डाउनलोड और इंस्टॉलेशन की जरूरत नए फीचर्स के लिए नहीं पड़ती।