जीमेल स्कैम ईमेल्स का खतरा बढ़ा, ऐसे कर सकते हैं फेक ईमेल की पहचान
जीमेल जैसी ईमेल सेवाओं पर आपको ढेरों फेक ईमेल्स जरूर आते होंगे और इनमें ऐसे ईमेल्स भी शामिल होते हैं, जिनकी मदद से फिशिंग और बेट अटैक्स किए जाते हैं। ऐसे ढेरों ईमेल्स भेजे जा रहे हैं, जो आपकी पर्सनल जानकारी हैकर्स को सौंप सकते हैं। अटैक्स से बचने का सबसे आसान और सीधा तरीका फेक ईमेल्स की पहचान करना और इनके साथ दिए गए लिंक्स पर क्लिक ना करना है।
इंटरनेट यूजर्स के लिए खतरा बढ़ा
क्रिसमस और नए साल जैसे बड़े इवेंट्स के साथ इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले तेजी से बढ़े हैं और हैकिंग या स्कैम्स का खतरा भी बढ़ा है। हाल ही के ब्लैक फ्राईडे सेल सीजन में इंटरनेट का इस्तेमाल कई गुना बढ़ते देखा गया। साइबर अपराध करने वाले भी ऐसे मौकों की तलाश में होते हैं और फिशिंग मेसेज से लेकर फेक ऑफर्स तक यूजर्स को दिखाते हैं। कई यूजर्स असली और नकली ऑफर्स और ईमेल्स में अंतर नहीं कर पाते।
जानकारी चुराने के लिए नई तरह का अटैक
ईमेल सिक्योरिटी सॉल्यूशन देने वाली कंपनी अवानान ने नवंबर, 2021 में बताया है कि इंटरनेट यूजर्स की जानकारी चुराने के लिए एक नई तरह का अटैक किया जा रहा है। इसमें अटैक करने वाले DHL या ऐसी ही भरोसेमंद डिलिवरी सेवाओं की ओर से फेक मेसेज भेजते हैं और इसके साथ एक लिंक दिया जाता है। ईमेल में बताया जाता है कि विक्टिम का एक पैकेज फंस गया है और उसके पते तक नहीं भेजा जा सकता है।
खुद अपनी जानकारी भेज देते हैं यूजर्स
ईमेल पर भरोसा करने वाले जानना चाहते हैं कि उनका कौन सा पैकेज अब तक नहीं पहुंचा। इस पैकेज को पाने के लिए उनसे 'सही पता' रजिस्टर करने को कहा जाता है और दूसरी पर्सनल जानकारी भी ले ली जाती है। जाहिर सी बात है, इस अटैक का मकसद केवल जानकारी हैकर्स को सौंपना होता है और कोई पैकेज विक्टिम के पते पर कभी नहीं पहुंचाया जाता। बाद में इस जानकारी का इस्तेमाल दूसरे अटैक्स के लिए किया जाता है।
खाली हो सकता है बैंक अकाउंट
कई बार ईमेल में बैंकिंग से जुड़ी जानकारी भी विक्टिम से मांगी जाती है या फिर किसी पैकेज की डिलिवरी के लिए उन्हें बहुत कम कीमत चुकानी होती है। भले ही आप केवल 10 रुपये का भुगतान ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बाद करें, हैकर्स को आपके कार्ड और पिन जैसी जानकारी इस दौरान मिल जाती है। बाद में आसानी से अकाउंट खाली किया जा सकता है और विक्टिम हैकिंग का शिकार बन जाता है।
फेक ईमेल्स की पहचान करना सीखें
किसी भी ईमेल में अगर ग्रामर या टाइपिंग से जुड़ी गलतियां हैं तो वह आधिकारिक नहीं होगा। इसके अलावा ईमेल के साथ दिए गए लिंक को ध्यान से देखें और तय करें कि यह कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अलावा किसी और पेज पर लेकर तो नहीं जा रहा। ईमेल किस ईमेल एड्रेस से भेजा गया है, यह देखना भी महत्वपूर्ण होता है और ज्यादातर कंपनियां अपने डोमेन वाले ईमेल एड्रेस ही इस्तेमाल करती हैं।
स्पैम फिल्टर टूल का इस्तेमाल जरूरी
जरूरी है कि आप जीमेल में मिलने वाले स्पैम फिल्टर टूल का इस्तेमाल करें। इस टूल की मदद से स्पैम मेसेजेस को अपने आप फिल्टर कर दिया जाता है और वे मेन इनबॉक्स में नहीं दिखते। इसके अलावा जब तक जरूरी ना हो, अपना ईमेल एड्रेस पब्लिक वेबसाइट्स और पोर्ट्ल्स पर शेयर नहीं करना चाहिए। अटैकर्स ऐसी जगहों से ईमेल एड्रेस चोरी कर आपको फिशिंग अटैक का शिकार बनाने की कोशिश कर सकते हैं।