एंड्रॉयड यूजर्स के लिए बुरी खबर! सभी कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स बैन करने जा रही है गूगल
सर्च इंजन कंपनी गूगल ने प्ले स्टोर पॉलिसी में बदलाव किए हैं, जिनमें से कुछ 11 मई से प्रभाव में आ जाएंगे। इन बदलावों के चलते कंपनी अपने प्लेटफॉर्म से सभी थर्ड-पार्टी कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स को बैन कर रही है। यानी कि अगर आप कॉल्स रिकॉर्ड करने के लिए किसी थर्ड-पार्टी ऐप की मदद लेते हैं, तो वह काम करना बंद कर देगी। हालांकि, अगर फोन के डायलर में नेटिव कॉल रिकॉर्डिंग फीचर है, तो वह काम करता रहेगा।
ऐक्सेबिलिटी API को कॉल रिकॉर्डिंग का ऐक्सेस नहीं
यूजर्स को बेहतर प्राइवेसी देने के लिए गूगल तय कर रही है कि एंड्रॉयड फोन्स में कोई थर्ड-पार्टी ऐप कॉल रिकॉर्ड ना कर सके। गूगल ने सपोर्ट पेज पर कहा, "ऐक्सेबिलिटी API को इस तरह डिजाइन नहीं किया गया और वह कॉल की ऑडियो रिकॉर्डिंग की मांग नहीं कर सकता।" हालांकि, नई पॉलिसी कैसे लागू की जाएगी, अब तक साफ नहीं है। कंपनी प्ले स्टोर से ऐप्स ब्लॉक करने के अलावा डिवेलपर्स से उन्हें हटाने के लिए कह सकती है।
सभी डिवेलपर्स को समझाए गए नए बदलाव
कंपनी ने पिछले महीने यूट्यूब पर एक वेबिनार होस्ट की और डिवेलपर्स को नए बदलावों के बारे में समझाया। गूगल ने कहा, "अगर फोन के डिफॉल्ट डायलर में रिकॉर्डिंग फीचर है और उसे अलग से कोई परमिशन नहीं लेनी पड़ती, तो इसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। मौजूदा पॉलिसी में किए जाने वाले बदलाव सुधार और स्पष्टीकरण से जुड़े हैं। नई लैंग्वेज सभी ऐप्स के लिए 11 मई से लागू हो जाएगी।"
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में किसी कॉल रिकॉर्डिंग को न्यायालय में सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है। हालांकि, कॉल रिकॉर्डिंग तभी तक वैध है, जबतक आप उसमें शामिल हूं। बता दें, दूसरों की कॉल्स और फोन टैप करना अपराध की श्रेणी में आता है।
ऐपल नहीं देती कॉल रिकॉर्डिंग का विकल्प
एंड्रॉयड फोन्स में कॉल रिकॉर्डिंग फीचर बेशक आगे भी मिलता रहे, लेकिन ऐपल के किसी डिवाइस में कॉल रिकॉर्डिंग की सुविधा नहीं मिलती। आईफोन यूजर्स को कॉल्स रिकॉर्ड करने का कोई विकल्प नहीं दिया जाता और वे थर्ड-पार्टी ऐप्स की मदद से भी ऐसा नहीं कर सकते। ऐपल कॉल रिकॉर्डिंग को यूजर्स की प्राइवेसी का नुकसान मानती है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में सामने वाले को नहीं पता होता कि उसकी बातें रिकॉर्ड की जा रही हैं।
एंड्रॉयड डिवाइसेज में मिलता है बिल्ट-इन फीचर
वनप्लस, शाओमी, सैमसंग और ओप्पो जैसी कंपनियों के स्मार्टफोन्स में वॉइस कॉल रिकॉर्ड करने के लिए फीचर मिलता है और थर्ड-पार्टी ऐप नहीं डाउनलोड करनी पड़ती। इन डिवाइसेज के यूजर्स को परेशान होने की जरूरत नहीं है और उनपर बदलाव का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही कुछ डिवाइसेज में मिलने वाली गूगल की अपनी कॉल रिकॉर्डिंग ऐप भी पहले की तरह काम करती रहेगी। पॉलिसी लागू होने के बाद बाकी कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स जरूर प्रभावित होंगी।
लोन ऐप्स को भी देनी होगी विश्वसनीयता की गारंटी
गूगल ने नियमों में किए जाने वाले बदलाव के साथ ही मांग की है कि 'भारत में पर्सनल लोन्स देने वाली ऐप्स जरूरी प्रूफ सबमिट करें', जिनमें RBI की ओर से उन्हें दिए गए लाइसेंस की कॉपी और दूसरे दस्तावेज शामिल हैं। ऐप्स को साफ करना होगा कि वे सीधे तौर पर लोन देने से नहीं जुड़ीं और रजिस्टर्ड नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFCs) या बैंक की ओर से लोन दे रही हैं।