गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्री यूरोप में लेंगे प्रशिक्षण, ESA करेगी सहयोग
एक्सिओम-4 और गगनयान मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री रूस के बाद यूरोप में प्रशिक्षण लेंगे। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने बताया है कि भारत के इस प्रशिक्षण में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शामिल होंगे, जिन्हें गगनयान मिशन के लिए प्राथमिक अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किया गया है। उनके बैकअप के रूप में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर एक्सिओम-4 मिशन के लिए काम करेंगे। इस मिशन में चालक दल अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा।
एक्सिओम-4 मिशन में होंगे 5 प्रयोग
एक्सिओम-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य ISS पर 14 दिन बिताकर वैज्ञानिक अनुसंधान करना है। इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुक्ला और उनकी टीम माइक्रोग्रैविटी में 5 प्रयोग करेंगे, जो गगनयान समेत भविष्य के अन्य अंतरिक्ष अभियानों में मददगार साबित होंगे। नासा की भूमिका भी इस मिशन में काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह ISS के संचालन, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी को सुनिश्चित करती है, जिससे भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रूप से अपने प्रयोग कर सकें।
गगनयान मिशन क्या है?
गगनयान मिशन के तहत ISRO भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन भेजेगा, जिसमें 3 अंतरिक्ष यात्री 400 किलोमीटर की कक्षा में जाएंगे और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटेंगे। इस मिशन के लिए पहला परीक्षण उड़ान मार्च, 2025 में लॉन्च हो सकता है। प्रोबा-3 मिशन के सफल लॉन्च के बाद ISRO और ESA के बीच सहयोग बढ़ा है। ESA अब ISRO को गगनयान मिशन के लिए ग्राउंड स्टेशन सहायता प्रदान करेगी, जिससे मिशन की सफलता में मदद मिलेगी।