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धरती के आंतरिक कोर ने घूमना बंद किया, उल्टी दिशा में घूमना हो सकता है शुरू
समुद्र के स्तर और पृथ्वी के घूर्णन के परिवर्तन वैश्विक वातावरण और तापमान को प्रभावित कर सकते हैं। (तस्वीर: Johan Swanepoel/SPL)

धरती के आंतरिक कोर ने घूमना बंद किया, उल्टी दिशा में घूमना हो सकता है शुरू

लेखन रजनीश
Jan 28, 2023
08:30 pm

क्या है खबर?

एक नए रिसर्च में दावा किया गया है कि पृथ्वी के आंतरिक कोर ने घूमना बंद कर दिया है। भूकंपों का विश्लेषण बताता है कि 2009 के आसपास पृथ्वी के आंतरिक कोर की गति रुक गई और अब यह विपरीत दिशा में घूमना शुरू कर सकता है। ये प्रक्रिया 70 साल के लंबे चक्र का परिणाम हो सकती है। ये धरती पर होने वाले दिन की लंबाई और चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है।

जानकारी

कोर की भूमिका

धरती के हृदय यानी धरती के कोर का विशेष तौर पर अध्ययन करना कठिन है, लेकिन धरती को रहने योग्य ग्रह बनाने की प्रक्रियाओं में कोर प्रमुख भूमिका निभाता है। यह धरती को चुंबकीय फील्ड से बचाता है जो कि धरती की सतह पर नुकसानदायक रेडिएशन को पहुंचने से रोकने का काम करता है। नए रिसर्च ने पृथ्वी पर जीवन के भविष्य को लेकर प्रश्न उठाए हैं। पृथ्वी के कोर का घूर्णन सतह के वातावरण को प्रभावित करता है।

क्या आप जानते हैं?

कोर का चक्र पूरा होने में समय

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोर के एक चक्र को पूरा होने में करीब 60-70 साल लगते हैं। इसके बाद कोर उल्टी दिशा में घूमने लगता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ठोस कोर ने पहली बार 1970 के दशक में दिशा बदली थी।

खोज

पहली बार खोजा गया धरती का कोर

वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि कोर का घूर्णन पृथ्वी के वातावरण को प्रभावित तो करता है, लेकिन इसका उल्टा घूमना सामान्य है। ये धरती पर जीवन के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता। धरती के कोर को पहली बार 1936 में अध्ययन के बाद खोजा गया था कि भूकंपीय तरंगें ग्रह के माध्यम से कैसे गुजरती हैं। ठोस आंतरिक कोर के बारे में जो कुछ भी पता चला है, वह भूकंपीय तरंगों को मापने से ही पता चला।

कहां होता है कोर

लोहे का बना होता है कोर

कोर के बारे में जानकारों का कहना है कि यह पृथ्वी की ऊपरी सतह के लगभग 5,000 किलोमीटर नीचे होता है। धरती अपने आप में एक ग्रह है और कोर उस धरती के भी भीतर का ग्रह है और यह लगभग 7,000 किलोमीटर चौड़ा है। इस कोर का केंद्र ठोस होता है, जिसका ज्यादातर हिस्सा लोहे से बना है। दूसरी तरफ इस कोर का बाहरी आवरण पिघले हुए लोहे और अन्य तरल धातुओं से घिरा हुआ है।

जानकारी

स्वतंत्र रूप से घूमता है कोर

पृथ्वी का आंतरिक कोर चांद के आकार का लगभग 75 प्रतिशत है। पृथ्वी का यह ठोस आंतरिक कोर खुद स्वतंत्र रूप से घूम सकता है क्योंकि यह केवल तरल धातुओं से घिरा हुआ है। हालांकि, जब इसके बाहरी कोर से लोहा आंतरिक कोर की सतह पर क्रिस्टलीकृत होता है तो बाहरी तरल के घनत्व में परिवर्तन होता है। इस अध्ययन के लेखक शियाओडोंग सोंग और झी यांग चीन के बीजिंग विश्वविद्यालय से हैं।

समुद्र स्तर हो सकता है प्रभावित

वातावरण-तापमान में बदलाव

शोधरकर्ता यी यांग और शियाओडोंग ने कहा कि आंतरिक कोर और मेंटल के बीच गुरुत्वाकर्षण युग्मन पृथ्वी की सतह पर डिफॉर्मेशन का कारण बन सकता है, जो समुद्र के स्तर को प्रभावित करेगा। समुद्र के स्तर और पृथ्वी के घूर्णन के परिवर्तन वैश्विक वातावरण और तापमान को प्रभावित कर सकते हैं। विभिन्न सिस्टम की प्रतिध्वनि भी पारस्परिक अंत: क्रियाओं को बढ़ा सकती है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में कोर पश्चिम की ओर घूमेगा।

वैज्ञानिकों का अगला चरण

कोर के चक्र को लेकर मतभेद

दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक भूकंपविज्ञानी विडाले ने कहा कि इसके समर्थन में कुछ अच्छे सबूत हैं। उन्होंने कहा कि आंतरिक कोर केवल 2001 से 2013 के बीच महत्वपूर्ण रूप से स्थानांतरित हुआ और तब से बना हुआ है। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के एक भूभौतिकीविद् ह्रोजे तलकसिक ने शोध प्रकाशित किया है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि लेटेस्ट अध्ययन में प्रस्तावित 70 के बजाय आंतरिक कोर का चक्र हर 20 से 30 साल का है।