
साइबर अपराधी इन 3 नए तरीकों से कर रहे हैं फ्रॉड, जानकारी से होगा बचाव
क्या है खबर?
साइबर अपराधियों के ठगी के तरीकों के बारे में जब तक लोगों को पता चलता है तब तक वो फ्रॉड करने के नए तरीके निकाल लेते हैं।
हाल में आई एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि साइबर अपराधियों ने ठगी के नए तरीके निकाल लिए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी, 2023 के दौरान साइबर अपराधियों ने फिशिंग हमलों में वेब ट्रांसलेशन, इमेज वाले ईमेल और स्पेशल कैरेक्टर्स का इस्तेमाल किया।
साइबर
सतर्कता ही है नए तरीके के साइबर हमलों से बचने का उपाय
बाराकुडा नेटवर्क्स इंडिया के कंट्री मैनेजर पराग खुराना ने कहा कि भारत में बड़े पैमाने पर साइबर हमले बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी लोगों को फंसाने के और ब्लॉक होने से बचने के लिए अपने फिशिंग अप्रोच को लगातार विकसित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि साइबर ठग ईमेल, गूगल ट्रांसलेट वेब लिंक, इमेज आधारित अटैक के जरिए लोगों को शिकार बना रहे हैं। इन नए तरीके के साइबर हमलों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा।
गूगल
गूगल ट्रांसलेट वेब लिंक के जरिए ठगी
यूजर्स यदि अनुवाद करने के लिए गूगल ट्रांसलेट का इस्तेमाल करता है तो ये वेबपेज को अनुवाद करने से रोकते हैं।
गूगल एक URL लिंक के जरिए जवाब देता है कि ये अनुवाद नहीं किया जा सकता। इस फर्जी URL को एक ईमेल में एंबेड किया जाता है।
यदि कोई यूजर उस पर क्लिक करता है तो उन्हें असली जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जो ठगों द्वारा कंट्रोल की जा रही फिशिंग वेबसाइट होती है।
ईमेल
इमेज-बेस्ड ईमेल अटैक
साइबर अपराधी इमेज-बेस्ड अटैक करते हैं। रिसर्चर्स ने पाया कि ठग अब अपने फिशिंग हमलों में टेक्स्ट की जगह इमेज का काफी तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं। इन इमेज में नकली इनवाइस, लिक या कॉलबैक फोन नंबर शामिल हो सकता है। इनके जरिए भी फिशिंग होती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के साइबर अटैक में कोई टेक्स्ट नहीं होता है। इसलिए इमेल के लिए मौजूद सेफ्टी और सिक्योरिटी इन्हें पहचान नहीं पाती हैं।
जानकारी
10 में से एक ऑर्गनाइजेशन को मिला फिशिंग मेल
डाटा से पता चलता है कि जनवरी, 2023 में लगभग 10 में से एक ऑर्गनाइजेश को फिशिंग मेल के जरिए टारगेट किया गया था। प्रत्येक को महीने में इस तरह के इमेज वाले औसतन 2 ईमेल मिले।
कैरेक्टर्स
स्पेशल कैरेक्टर्स के जरिए फिशिंग अटैक
साइबर ठग फ्रॉड के नए तरीकों में स्पेशल कैरेक्टर्स जैसे नॉन-लैटिन स्क्रिप्ट, स्पेस, विराम चिन्ह आदि का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम देते हैं। जब फिशिंग ईमेल में इन स्पेशल कैरेक्टर्स का इस्तेमाल किया जाता है तो ईमेल पाने वाले को ये स्पेशल कैरेक्टर्स दिखाई नहीं देते हैं। इस तरह के हमलों का पता लगाना भी मुश्किल होता हो सकता है क्योंकि स्पेशल कैरेटर्स का इस्तेमाल ईमेल सिग्नेचर आदि के सही उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है।