फेसबुक ऐप में मिला बड़ा बग, आईफोन में परमिशन के बिना ऑन हो रहा कैमरा
हाल के दिनों में सोशल मीडिया के जरिए जासूसी के कई बड़े मामलों ने दुनिया को हिला दिया है। अब फेसबुक ऐप में भी ऐसा मामला सामने आया है। कई आईफोन यूजर्स ने इस बात की शिकायत की है कि जब उन्होेंने फेसबुक ऐप खोली तो बैकग्राउंड में आईफोन का कैमरा अपने आप ऑन हो जाता है। मंगलवार को कई यूजर्स ने लिखा कि फेसबुक फीड देखते समय बैकग्राउंड में उनका कैमरा चल रहा था।
फेसबुक ने मानी बग होने की बात
यूजर्स की शिकायत मिलने के बाद फेसबुक की तरफ से इस पर टिप्पणी आई। कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट गाय रोसेन ने लिखा कि ऐसा लग रहा है यह एक बग है और कंपनी इसकी जांच कर रही है। रोसेन ने दूसरे ट्वीट में कहा कि यह एक बग था, जो केवल iOS 13 सॉफ्टेवयर पर चल रहे आईफोन में पाया गया। हालांकि, उन्होंने इसकी वजह से किसी यूजर की फोटो या वीडियो अपलोड होने की घटना से इनकार किया है।
फेसबुक ने किया फोटो या वीडियो अपलोड होने की बात से इनकार
रोेसेन ने इस बग की जानकारी देते हुए ट्वीट किया, "हमें हाल ही में पता चला कि हमारी iOS ऐप लैंडस्कैप में ठीक काम नहीं कर रही थी। पिछले हफ्ते इसे ठीक करने के लिए के दौरान इसमें एक बग रह गया, जो किसी फोटो पर टैप होने पर कैमर ऑन कर देता था। हमारे पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिनसे पता चले कि इस वजह से किसी यूजर काे फोटो या वीडियो अपलोड हुए हों।"
यहां देखिये वीडियो
यूजर्स ने की इन बातों की शिकायत
इस बग की शिकायत करते हुए एक ट्वीटर यूजर ने लिखा, "फेसबुक में एक सिक्योरिटी और प्राइवेसी इश्यू मिला है। जब ऐप खुली होती है तो यह कैमरा यूज करत है। मुझे ऐप में एक बग मिला है जिसके जरिए आप फीड के पीछे ओपन कैमरा देख सकते हैं।" एक दूसरे यूजर ने लिखा कि प्रोफाइल फोटो को स्वाइप करने पर रियर कैमरा ऑन हो रहा है। उन्होंने पूछा कि यह iOS का बग है या फेसबुक ऐप का।
ठंडा नहीं हुआ है व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी का मामला
कुछ दिन पहले फेसबुक के मालिकाना हक वाली मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी का मामला सामने आया था। दरअसल, व्हाट्सऐप ने इजरायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी पर मुकदमा दायर किया था। इसमें व्हाट्सऐप ने आरोप लगाया कि एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाईवेयर की मदद से उसके प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर उसके यूजर्स की जासूसी की गई। जासूसी का शिकार बने लोगों में कई भारतीय पत्रकार, वकील, मानवाधिकार कार्यकर्ता आदि भी शामिल हैं।
कैसे काम करता है पैगासस स्पाईवेयर?
किसी टारगेट को मॉनिटर करने के लिए पेगासस ऑपरेटर उसके पास एक लिंक भेजता है। इस लिंक पर क्लिक होते ही यूजर के फोन में पेगासस स्पाईवेयर इंस्टॉल हो जाता है और यूजर को इसका पता भी नहीं चलता। डाउनलोड होने के बाद पेगासस अपने ऑपरेटर की कमांड पर चलता है। यह कमांड देने पर टारगेट के पासवर्ड, कॉन्टैक्ट, लिस्ट, कैलेंडर इवेंट, टेक्सट मैसेज, वॉइस कॉल समेत पर्सनल डाटा ऑपरेटर के पास भेजता रहता है।
मिस्ड वीडियो कॉल से इंस्टॉल किया जा सकता है पेगासस
स्पाईवेयर की मदद से ऑपरेटर टारगेट के फोन का कैमरा और माइक्रोफोन भी ऑन कर सकता है, जिससे उसे टारगेट के आसपास की हलचलों का पता लग सकता है। कई बार फोन में स्पाईवेयर डाउनलोड करने के लिए लिंक पर क्लिक की भी जरूरत नहीं होती। टारगेट को व्हाट्सऐप पर मिस्ड वीडियो कॉल मिलती है। अगर यूजर्स इस पर कोई रिस्पॉन्स भी नहीं देता है तब भी स्पाईवेयर उसके फोन में डाउनलोड हो जाता है।