फोन पर फिंगरप्रिंट्स से परेशान? टाइटेनियम के आईफोन-आईपैड बना सकती है ऐपल
कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ऐपल अपने यूजर्स को प्रीमियम अनुभव देने के लिए छोटी-छोटी बातों का खास ख्याल रखती है। यूजर्स को डिवाइस पर ढेर सारे फिंगरप्रिंट्स देखने की वजह से परेशान ना होना पड़े, इसके लिए कंपनी अपने डिवाइसेज को टाइटेनियम से बनाने पर विचार कर रही है। दरअसल ऐपल डिवाइसेज के मेटल सरफेस पर फिंगरप्रिंट्स और उंगलियों के निशान दिखने लगते हैं और कंपनी इन्हें कम करने के लिए नया तरीका आजमा सकती है।
लिया नई टेक्नोलॉजी से जुड़ा पेटेंट
MacRumors की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमियम टेक कंपनी ने हाल ही में एक पेटेंट US पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस में फाइल किया है। पेटेंट का टाइटल 'ऑक्साइड कोटिंग फॉर मेटल सरफेसेज' है और बताया गया है कि पतली कोटिंग की मदद से प्रोडक्ट्स के मेटल सरफेस पर दिखने वाले फिंगरप्रिंट्स को कम किया जा सकता है। पिछले महीने कंपनी ने टाइटेनियम डिवाइस इन्क्लोजर्स का पेटेंट लिया था, जिसका मतलब है कि ऐपल डिवाइसेज में नया मैटीरियल इस्तेमाल हो सकता है।
टाइटेनियम के साथ मिलेगा टेक्स्चर्ड फिनिश
ऐप अपने मैकबुक्स, आईपैड्स और आईफोन्स जैसे डिवाइसेज को टाइटेनियम केसिंग्स में खास टेक्स्चर्ड फिनिश के साथ ला सकती है। इसके अलावा नए पेटेंट में ऑक्साइड कोटिंग का जिक्र किया गया है, जिसके साथ कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स में टाइटेनियम का इस्तेमाल कहीं बेहतर हो जाएगा। यूजर्स को टाइटेनियम और ऑक्साइड के साथ 'ज्यादा मजबूती, बेहतर बनावट और हार्डनेस' डिवाइसेज के मैटीरियल में मिलेगी। ऐपल ने हाइलाइट किया है कि दूसरे मैटीरियल्स के मुकाबले टाइटेनियम पर सबसे कम फिंगरप्रिंट्स दिखते हैं।
ग्लास डिवाइसेज पर ओलियोफोबिक कोटिंग
ग्लास सरफेस वाले डिवाइसेज पर फिंगरप्रिंट्स कम करने के लिए फिलहाल ओलियोफोबिक कोटिंग की जाती है। हालांकि, यह ओलियोफोबिक कोटिंग टाइटेनियम जैसे मेटल सरफेस के लिए कारगर नहीं होगी। नया पेटेंट इस बात की ओर इशारा है कि कंपनी अपने डिवाइसेज में टाइटेनियम का इस्तेमाल करना चाहती है। बता दें, पेटेंट लेने का मतलब सिर्फ नए विकल्पों की टेस्टिंग करना भर हो सकता है और जरूरी नहीं है कि इसे फाइनल प्रोडक्ट्स का हिस्सा बनाया जाए।
डिवाइसेज की कीमत पर पड़ेगा असर
अगर ऐपल फ्यूचर डिवाइसेज में टाइटेनियम का इस्तेमाल करती है तो उनकी कीमत पर इसका असर पड़ेगा। मौजूदा ऐपल डिवाइसेज में एल्युमिनियम और ग्लास का इस्तेमाल करती है, जिनके मुकाबले टाइटेनियम महंगा होगा। कंपनी रीसाइकलेबल मैटीरियल इस्तेमाल करने का दावा करती है और टाइटेनियम के साथ भी इसपर कायम रहना चाहेगी। कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ने साल 2030 तक पूरी तरह कार्बन न्यूट्रल होने का लक्ष्य रखा है और इस दिशा में कदम बढ़ा रही है।