आखिर मार्केट में आते ही फ्लॉप क्यों हुआ आईफोन 12 मिनी?
कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ऐपल अपने प्रोडक्ट्स और आईफोन लाइनअप में कोई बदलाव करने से पहले पूरा वक्त लेती है। साल 2020 में कंपनी ने दुनिया का सबसे छोटा 5G फोन लॉन्च करने का फैसला किया और कॉम्पैक्ट साइज में आईफोन 12 मिनी लेकर आई। इस डिवाइस को मार्केट में आए पूरे तीन महीने भी नहीं हुए और कंपनी इसका प्रोडक्शन बंद करने जा रही है। आइए समझते हैं कि कॉम्पैक्ट आईफोन के फ्लॉप होने की वजह क्या रही।
ऐसे हैं आईफोन 12 मिनी के स्पेसिफिकेशंस
आईफोन 12 मिनी में 5.4 इंच का सुपर रेटिना XDR OLED डिस्प्ले मिलता है और यह फोन पांच कलर ऑप्शंस में उपलब्ध है। डिवाइस में ड्यूल कैमरा सेटअप नाइट मोड सपोर्ट के साथ दिया गया है। इस आईफोन में सेरेमिक शील्ड का प्रोटेक्शन डिस्प्ले पर मिलता है और मैगसेफ फीचर सपोर्ट भी दिया गया है। सप्लाई चेन एनालिस्ट विलियम यांग ने कहा है कि ऐपल आईफोन 12 मिनी का प्रोडक्शन 2021 की दूसरी तिमाही तक बंद कर सकती है।
कॉम्पैक्ट साइज थे आईफोन्स की पहचान
9 जनवरी, 2007 को जब ऐपल ने पहला आईफोन लॉन्च किया तो बड़ी स्क्रीन के बजाय कीपैड वाले फोन्स का ट्रेंड था। ऐपल ने कीपैड को स्क्रीन से रिप्लेस किया और यूजर्स को पहली बार फुलस्क्रीन एक्सपीरियंस दिया। हालांकि, बड़ी स्क्रीन वाले बड़े फोन्स की रेस में ऐपल साल 2014 तक शामिल नहीं हुई और फेस ID वाले आईफोन पहली बार 2017 में लेकर आई। लंबे वक्त तक कॉम्पैक्ट साइज और वन-हैंडेड यूज वाला डिजाइन आईफोन्स की पहचान बना रहा।
बड़ी स्क्रीन वाले फोन नहीं चाहते थे ऐपल फाउंडर स्टीव जॉब्स
बड़े स्मार्टफोन्स को लेकर स्टीव जॉब्स की राय थी कि यूजर्स कभी ज्यादा बड़ी स्क्रीन वाले फोन नहीं खरीदेंगे। उन्हें आईफोन के कॉम्पैक्ट साइज पर भरोसा था, लेकिन मार्केट की जरूरत को देखते हुए ऐपल को आईफोन के प्लस और मैक्स मॉडल्स लॉन्च करने पड़े।
क्या छोटा फोन खरीदना चाहते हैं यूजर्स?
ऐपल आईफोन 12 मिनी को कॉम्पैक्ट साइज में उन यूजर्स के लिए लाई थी, जिन्हें छोटे साइज में पावरफुल डिवाइस चाहिए। कंपनी ने माना कि आज भी कॉम्पैक्ट स्मार्टफोन पसंद करने वाले लोग हैं और ऐसे यूजर्स नए छोटे फोन के लिए मार्केट तैयार कर सकते हैं। मार्केट में पसंद किए जा रहे डिस्प्ले साइज का औसत 4.7 इंच से बढ़कर 5.5 इंच पर पहुंच चुका है और नए फोन 5.5 इंच से बड़े डिस्प्ले के साथ आ रहे हैं।
इसलिए फ्लॉप हुआ आईफोन 12 मिनी!
छोटे स्मार्टफोन्स का मार्केट जरूर है, लेकिन यह ऐपल की उम्मीद जितना बड़ा नहीं है। यूजर्स छोटे साइज के आईफोन के लिए बड़ी रकम खर्च करने से भी बचते नजर आए। आज स्मार्टफोन्स मल्टीमीडिया कंज्यूम करने के लिए यूजर्स का पसंदीदा डिवाइस बन चुके हैं, ऐसे में बड़ी स्क्रीन पर बेहतर अनुभव मिलता है। ज्यादातर ऐप्स को स्टैंडर्ड डिस्प्ले साइज के लिए ऑप्टिमाइज किया गया है, ऐसे में छोटे डिस्प्ले पर टेक्स्ट पढ़ने और टाइपिंग का तरीका बदल चुका है।
कमजोर बैटरी से जुड़ी कमी भी जिम्मेदार
फीचर्स के मामले में आईफोन 12 मिनी स्टैंडर्ड डिवाइसेज जितना पावरफुल है और इसमें भी लेटेस्ट A14 बायोनिक प्रोसेसर दिया गया है, लेकिन डिवाइस साइज छोटा होने के चलते यूजर्स को इसकी बैटरी लाइफ से समझौता करने पड़ता है। छोटा फोन पसंद करने वाले यूजर्स कमजोर बैटरी वाला कोई डिवाइस नहीं खरीदना चाहते। कॉम्पैक्ट फोन की कीमत 64GB स्टोरेज वाले बेस मॉडल के लिए भारत में 69,990 रुपये है और इसका स्टोरेज बढ़ाने का विकल्प यूजर्स को नहीं मिलता।
क्या मार्केट में आएंगे छोटे एंड्रॉयड फोन?
बीते दिनों सामने आया है कि आसुस अपनी जेनफोन सीरीज का नया डिवाइस कॉम्पैक्ट साइज में ला सकती है। इसके अलावा बड़ी कंपनियां फोल्डेबल फोन्स को कॉम्पैक्ट डिवाइस के विकल्प के तौर पर उतार सकती है। संभव है कि छोटा डिस्प्ले पसंद करने वाले यूजर्स प्रीमियम आईफोन 12 मिनी के बजाय कम कीमत पर एंड्रॉयड फोन खरीदना पसंद करें। ऐसा हुआ तो दूसरी कंपनियां भी कॉम्पैक्ट फोन मार्केट में जगह बनाना चाहेंगी और नए कॉम्पैक्ट मॉडल्स देखने को मिलेंगे।