चीनी स्मार्टफोन कंपनियां चोरी करती हैं डाटा, कुछ नहीं कर सकते यूजर्स- रिसर्च
क्या है खबर?
वैश्विक स्तर पर चीन स्मार्टफोन का सबसे बड़ा बाजार है। भारत के स्मार्टफोन बाजार में भी शाओमी, ओप्पो, वीवो, वनप्लस जैसी कंपनियों का दबदबा है। चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों पर यूजर्स का डाटा चोरी करने का लंबे समय से आरोप भी लगता रहा है।
अब एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी और ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन की नई रिसर्च में सामने आया है कि वनप्लस, शाओमी और ओप्पो जैसी स्मार्टफोन चीनी कंपनियां यूजर्स की बिना सहमति के उनका पर्सनल डाटा चोरी करती हैं।
स्मार्टफोन
चीनी कंपनियों के फोन में इंस्टाल होती हैं कई थर्ड पार्टी ऐप्स
चीनी कंपनियों के 70 प्रतिशत से अधिक स्मार्टफोन एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं। जिन कंपनियों पर लोगों का डाटा चोरी करने का आरोप लगा है, उनके स्मार्टफोन में कई थर्ड पार्टी ऐप्स पहले से इंस्टाल होती हैं।
इनमें लोगों की जानकारी प्राप्त करने वाला फीचर भी डिफॉल्ट तौर पर इनेबल यानी ऑन होता है।
ये ऐप्स लोगों की लोकेशन, प्रोफाइल और उनके सामाजिक रिश्तों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी एकत्र करती हैं और इसे तय जगह पर भेजती हैं।
चीन
लोगों के पास डाटा चोरी से बचने का कोई तरीका नहीं
चीन के फोन यूजर्स जो एनालिटिक्स, क्लाउड स्टोरेज या थर्ड पार्टी सर्विस आदि का इस्तेमाल बंद कर चुके हैं, ये उन लोगों की जानकारी भी चुराती हैं। ये फोन लोगों के डिवाइस और यूजर्स से जुड़ी जानकारी जैसे डिवाइस आइडेंटिफायर, ऐप इस्तेमाल करने का पैटर्न, कॉल-मैसेज हिस्ट्री, कॉन्टैक्ट नंबर आदि इकट्ठा करते हैं।
रिसर्च के अनुसार, यूजर्स को इस डाटा ट्रांसमिशन के बारे में सूचित नहीं किया जाता और उनके पास इससे बचने का कोई तरीका भी नहीं है।
डाटा
यूजर्स को ट्रैक कर सकती हैं कंपनियां
चोरी किए गए इस डाटा से कंपनियां यूजर्स को ट्रैक कर सकती हैं। यह रिसर्च चीन में बेचे जाने स्मार्टफोन पर की गई, जो वहां के स्थानीय एंड्रायड डिस्ट्रीब्यूशन पर काम करते हैं। इसलिए बाकी देशों के यूजर्स को इसको लेकर चिंता नहीं करने की बात कही गई है।
हालांकि, रिसर्च में पाया गया कि घूमने, पढ़ने के लिए चीन जाने वाले लोग जब वहां फोन खरीदे गए फोन को लेकर लौटते हैं, तब भी डाटा कलेक्शन चालू रहता है।
फोन
पहले से ही ऑन रहती हैं कई तरह की परमिशन
एक ध्यान देने वाली बात यह भी है ये कंपनियां चीन में जो फोन बेचती हैं, उनमें कई गुना ज्यादा प्री-इंस्टॉल्ड थर्ड पार्टी ऐप्स होती हैं। दूसरा इन फोन्स में लोगों की ज्यादा से ज्यादा जानकारी निकालने वाले 8-10 और ज्यादा परमिशन ऑन होते हैं।
हालांकि, जब ये चीनी कंपनियां दूसरे देशों में अपने जो फोन बेचती हैं तो उनमें अंतरराष्ट्रीय नीतियों और नियमों के चलते ज्यादा मनमानी नहीं कर पाती हैं।