
चांद पर खनन की तैयारी में नासा, अंतरिक्ष के व्यावसायिक इस्तेमाल पर है जोर
क्या है खबर?
विश्व के कई देश और उनकी अंतरिक्ष एजेंसियां अंतरिक्ष से जुड़ी नई उपलब्धियां हासिल करने में लगे हुए हैं। धरती के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर मानव जीवन बसाने को लेकर अंतरिक्ष में प्रयास किए जा रहे हैं।
अब एक वैज्ञानिक ने कहा कि नासा चंद्रमा पर कई संसाधान विकसित करना चाहता है। इसकी शुरुआत ऑक्सीजन और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद लोहे और दुर्लभ खनिज तत्वों तक की खोज तक जा सकती है।
नासा
नासा ने 2025 तक बनाई है चांद पर पहुंचने की योजना
इससे पहले नासा 2032 तक चंद्रमा की मिट्टी की खुदाई की दिशा में पहले ही कदम उठा चुका है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 2025 तक अपने आर्टेमिस मिशन के हिस्से के रूप में चांद पर पहुंचने की योजना बनाई है। इसके तहत नासा पहली महिला और पुरुष को चांद पर उतारने की तैयारी में हैं।
इस मिशन से नासा मंगल ग्रह के मिशन को सुविधाजनक बनाने से जुड़ी चीजें सीखेगा।
उद्देश्य
अंतरिक्ष में व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाना है उद्देश्य
आर्टिमिस मिशन का एक उद्देश्य अंतरिक्ष में व्यावसायिक अवसरों को आगे बढ़ाना भी है।
नासा के जॉन्सटन स्पेस सेंटर में 35 वर्षों से रॉकेट वैज्ञानिक गेराल्ड सैंडर्स ने कहा कि एजेंसी व्यावसायिक निवेश को आकर्षित करने के लक्ष्य के रूप में ऊर्जा, पानी और चांद की मिट्टी सहित संभावित संसाधनों की मात्रा को निर्धारित करना चाहती है।
सैंडर्स ने कहा कि चांद पर संसाधन उपलब्ध कराने के लिए लागत में कटौती करने के साथ ही एक सर्कुलर इकोनॉमी विकसित करना होगा।
एक्सप्लोरेशन
चांद के संसाधनों की ग्राहक हो सकती हैं ये कंपनियां
सैंडर्स ने एक कांफ्रेंस में कहा, "हम संसाधनों को समझने, जोखिम कम करने पर काम कर रहे हैं, जिससे बाहरी निवेश का असर दिखे और डेवलपमेंट, प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद मिले।"
नासा महीने के अंत तक चांद पर परीक्षण ड्रिल रिग भेजेगा। इससे 2032 में चांद की मिट्टी या रेजोलिथ की बड़े पैमाने पर खुदाई की योजना है।
सैंडर्स को उम्मीद है कि कॉमर्शियल रॉकेट कंपनियां शुरुआती ग्राहक होंगी। ये ईंधन, ऑक्सीजन के लिए संसाधानों का उपयोग कर सकती हैं।
इस्तेमाल
चांद के संसाधनों से ऑक्सीजन निकालने का होगा प्रयास
ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी के सहायक निदेशक सैमुअल वेबस्टर ने कहा कि उनके देश की अंतरिक्ष एजेंसी एक सेमी-ऑटोनॉमस रोवर तैयार करने के प्रयास में है। इससे 2026 की शुरुआत में नासा मिशन पर रेजोलिथ नमूने लेने की योजना है।
रोवर चांद की मिट्टी का प्रदर्शन करेगा, जिसमें ऑक्साइड के रूप में ऑक्सीजन शामिल है। रोवर के साथ चांद पर भेजे गए अलग-अलग उपकरणों से नासा उस ऑक्सीजन को निकालने का प्रयास करेगा।
चांद
चांद पर स्थायी मानव उपस्थिति के लिए माना जा रहा है महत्वपूर्ण कदम
रिपोर्ट के मुताबिक, इस कदम को चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ-साथ मंगल ग्रह पर भविष्य के मिशनों का समर्थन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
नासा आर्टिमिस 1 मिशन की सफलता के बाद अब आर्टिमिस मिशन 2 की तैयारी में है।
आर्टिमिस 1 बिना क्रू वाला यानी मानव रहित मिशन था। आर्टिमिस 2 को 2024 के अंत तक लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन इसकी लॉन्चिंग 2025 तक खिंच सकती है।