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ISRO के आदित्य-L1 मिशन को मिला टेलीस्कोप, इसलिए है महत्वपूर्ण
ISRO के आदित्य-L1 मिशन को टेलीस्कोप मिला है, जिसे SUIT कहा जाता है (तस्वीर: IUCAA)

ISRO के आदित्य-L1 मिशन को मिला टेलीस्कोप, इसलिए है महत्वपूर्ण

लेखन रजनीश
Jun 19, 2023
04:09 pm

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के आदित्य-L1 मिशन को एक महत्वपूर्ण उपकरण मिला है। इसे सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT) कहा जाता है। यह टेलीस्कोप आदित्य-L1 मिशन के साथ अंतरिक्ष में जाएगा और इसके जरिए सूर्य का अवलोकन किया जा सकेगा। बता दें कि SUIT का निर्माण पुणे में इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) ने किया है। आइये इस SUIT के उपयोग और मिशन से जुड़ी अन्य बातें जानते हैं।

पेलोड

SUIT को विकसित करने में लग गया एक दशक का समय

आदित्य L1 मिशन के SUIT को विकसित करने में लगभग एक दशक का समय लग गया है। यह आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान पर मुख्य पेलोड में से एक होगा। सौर टेलीस्कोप 2,000-4,000 एग्स्ट्रॉम वेवलेंथ में सूर्य की पूर्ण डिस्क छवियों को कैप्चर करेगा। टेलीस्कोप डेवलप करने में मदद करने वाले IUCAA के एक प्रोफेसर एएन रामप्रकाश ने कहा कि इस पूरे तरंग दैर्ध्य रेंज में सूर्य की पूर्ण डिस्क छवियां पहले कभी प्राप्त नहीं हुई हैं।

दूरबीन

सूर्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देगा टेलीस्कोप

यह सौर दूरबीन या टेलीस्कोप सूर्य के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। यह सूर्य के निकट पराबैंगनी विकिरण की उत्पत्ति और भिन्नता और सूर्य की ठंडी सतह के ऊपर उच्च तापमान वाले वातावरण के अस्तित्व के कारण आदि जैसे मूलभूत सवालों का जवाब देने में मदद करेगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सौर टेलीस्कोप त्वचा के कैंसर के लिए UV विकिरण के खतरों को भी मापेगा।

मिशन

इन बातों का पता लगाएगा आदित्य-L1 मिशन

ISRO के अनुसार, L1 बिंदु से अंतरिक्ष यान को सूर्य को बिना किसी ग्रहण के देखने में मदद मिलेगी। यह मिशन सूर्य का नज़दीक से निरीक्षण करेगा और इसके वातावरण तथा चुंबकीय क्षेत्र के बारे में अध्ययन करेगा। यह सैटेलाइट, सौर लपटों के कारण धरती के मौसम पर पड़ने वाले प्रभावों और इलेक्ट्रॉनिक संचार में पड़ने वाली बाधाओं का भी अध्ययन करेगा औ सौर गतिविधियों से जुड़ी रियल टाइम जानकारी प्रदान करेगा।

सूर्य

सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन है आदित्य L1

आदित्य L1 मिशन सबसे महत्वपूर्ण आगामी अंतरिक्ष मिशनों में से एक है। यह एक प्रमुख मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि यह सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित भारतीय मिशन होगा। यह मिशन अब तक लॉन्च हो गया होता, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसकी लॉन्चिंग में देरी हुई है। आदित्य L1 अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर खासतौर से लांग्रेज L1 बिंदु पर स्थित होगा।

जानकारी

अगस्त में हो सकता है लॉन्च

आदित्य L1 अगस्त के मध्य में लॉन्च किया जा सकता है। अंतरिक्ष यान को हेलो ऑर्बिट तक पहुंचने में लगभग 100 दिन लगेंगे। इसमें 7 अन्य पेलोड होंगे, जिनमें 4 पेलोड सूर्य की रिमोट सेंसिंग करेंगे और बचे 3 वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे।